मीडिया फैला रहा सांप्रदायिकता : जस्टिस काटजू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 7 अप्रैल 2013

मीडिया फैला रहा सांप्रदायिकता : जस्टिस काटजू


भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मरक डेय काटजू ने रविवार को कहा कि आतंकवादी हमलों की गैरजिम्मेदाराना रिपोर्टिग कर मीडिया सांप्रदायिकता को हवा दे रहा है। उन्होंने देश हित में मीडिया को सांप्रदायिकता फैलाने की इजाजत नहीं देने पर जोर दिया। समाचार पत्र दी हिंदू द्वारा एनजीओ हेल्प हैदराबाद के सहयोग से 'रिपोर्टिग टेरर : हाउ सेंसेटिव इज दी मीडिया' विषय पर आयोजित परिचर्चा को काटजू संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, "जब भी बम विस्फोट होता है कि उसके एक घंटे के भीतर कई टीवी चैनल कहते हैं कि उन्हें इंडियन मुजाहिदीन या जैश-ए-मोहम्मद या हरकतउल जिहाद का ईमेल मिला है या एक एसएमएस आया है। वे कुछ मुस्लिम नाम गिनाते हैं। एसएमएस किसी भी शरारती तत्व द्वारा भेजा जा सकता है। इस तरह की रिपोर्टिग देश में यही संदेश प्रसारित करती है कि मुस्लिम आतंकवादी हैं, पूरे समुदाय को खलनायक बना देती है और सांप्रदायिकता को बढ़ाती है।"

कोई टिप्पणी नहीं: