वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि उनकी तमन्ना प्रधानमंत्री बनने की नहीं है। वह पार्टी का काम करना पसंद करेंगे। यहां एक प्रोग्राम में शिरकत करने के बाद रिपोर्टरों ने चिदंबरम से पूछा कि 2014 के चुनाव के बाद पीएम बनने पर वह किसे अपना वित्त मंत्री बनाना पसंद करेंगे? इस पर चिदंबरम ने कहा कि यह बड़ा काल्पनिक सवाल है। मेरी ऐसी कोई तमन्ना नहीं है।
चिदंबरम ने कहा कि यूपीए सरकार अगले दो से चार महीने के दौरान आर्थिक सुधार से जुडे़ और कई कदम उठाएगी। लोकसभा चुनाव वक्त से पहले होने की संभावनाओं को नकारते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान वित्तीय घाटे को जीडीपी के परिप्रेक्ष्य में 4.8 प्रतिशत तक सीमित रखने का है।
जब चिदंबरम से पूछा गया कि गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) कब तक लागू होने की संभावना है तो उन्होंने कहा, मामले में प्रगति हो रही है और मौजूदा सरकार के बाकी बचे कार्यकाल में इससे जुडे़ बिल के पास होने की 70 प्रतिशत संभावना है। उन्होंने कहा, जीएसटी पास करना मुमकिन है, लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब केंद्र और राज्य सरकारें एक साथ आएं। पूरी कोशिश की जा रही है कि इस मामले में जल्द सहमति बन जाए।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के अलावा जमीन अधिग्रहण और बीमा संबंधी बिल को भी विपक्षी दलों के सहयोग के बगैर पास कराना मुश्किल है। मैं निजी तौर पर मुख्य विपक्षी दल और अन्य राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील करता हूं। चिदंबरम ने यह भी कहा कि सरकार चाहती है कि कोयला और सड़क क्षेत्र के लिए नियामक बने। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि रेल किराया प्राधिकार हो जो रेल किराया तय करे। हमें उम्मीद है कि हमें पार्टियों का सहयोग मिलेगा जिसकी बदौलत हम ये सभी कदम उठाने में कामयाब होंगे।
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