दिल्ली के पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार की कुर्सी खतरे में है। राजधानी में लगातार बेलगाम होती कानून व्यवस्था और पुलिस पर लग रहे आरोपों ने गृह मंत्रालय की नजर उन पर टेढ़ी कर दी है। गांधीनगर इलाके में मासूम बच्ची के साथ रेप के बाद जिस तरह पुलिसवालों पर एक के बाद एक आरोप लगा। केस को दबाने के लिए 2 हजार रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई। एक ACP ने प्रदर्शन कर रही लड़की को थप्पड़ मारा, उसके बाद नीरज कुमार के इस्तीफे की मांग बढ़ गई है। दिल्ली पुलिस की नाकामी को देखते हुए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कमिश्नर के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
कमिश्नर नीरज कुमार के खिलाफ माहौल उसी वक्त गर्माने लगा था जब 16 दिसंबर को गैंगरेप के बाद दिल्ली में आम लोगों पर लाठियां बरसाई गईं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लेकर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पुलिस के इस रवैये की निंदा की थी। इसके बाद दिल्ली गैंगरेप की जांच के लिए बनी गृह मंत्रालय की कमेटी ने भी पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए। रिपोर्ट में साफ कहा गया कि दिल्ली गैंगरेप के दौरान पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभाई।
नीरज कुमार के खिलाफ दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पीएम और सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख चुकी हैं। नीरज कुमार की मुश्किल तब और बढ़ गई जब योजना भवन के सामने ममता बनर्जी और अमित मित्रा के साथ बदसलूकी हुई। यही नहीं, कमिश्नर पर सवाल तब भी उठा जब जाट आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी शिंदे के घर में घुसने में कामयाब हो गए। जाहिर है दिल्ली पुलिस के कार्यशैली और काबिलियत पर उठ रहे इन सवालों के बीच सबसे ज्यादा निशाने पर उसके मुखिया कमिश्नर नीरज कुमार ही हैं।
दिल्ली में मासूम बच्ची के साथ रेप की वारदात के बाद देश भर में हड़कंप है। लेकिन अब तक पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार सामने नहीं आए हैं। दिल्ली पुलिस के मुखिया पर केंद्र सरकार का कितना भरोसा बचा है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जैसे ही इस मामले ने तूल पकड़ा। सबसे पहले गृहमंत्री शिंदे को प्रधानमंत्री की तरफ से बोला गया कि पुलिस पुरानी गलतियां ना दोहराए। शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री के संदेश में भी पुलिस के काम करने के तरीके पर नाराजगी दिखाई गई।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें