पुणे के जर्मन बेकरी ब्लास्ट केस में कोर्ट ने इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी हिमायत बेग को फांसी की सजा सुनाई है. सजा की खबर सुनते ही बेग कोर्ट में बेहोश हो गया. गौरतलब है कि पुणे के जर्मन बेकरी में 13 फरवरी 2010 को ब्लास्ट हुआ था. इस आतंकी हमले में 17 लोगों की मौत हो गई थी और 64 अन्य घायल हुए थे.
सितंबर 2010 में इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी हिमायत बेग को महाराष्ट्र के बीड़ से गिरफ्तार किया गया था. 13 फरवरी 2010 की शाम को करीब 7 बजे जर्मन बेकरी के बाहर हुए धमाके ने पुणे को दहला कर रख दिया था. इस धमाके में मरने वालों में 4 विदेशी नागरिक भी शामिल थे. दिसंबर 2010 में जांच अधिकारी ने इस मामले में 2500 पन्नों की रिपोर्ट फाइल की थी. इस रिपोर्ट में शेख लालबाबा मोहम्मद हुसैन उर्फ बिलाल बेग के अलावा 6 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था.
आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) ने धमाके को अंजाम दिया था. धमाके की साजिश इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी हिमायत बेग ने यासीन भटकल के साथ मिलकर रची थी. धमाके में आरडीएक्स, अमोनियम नाइट्रेट, पेट्रोलियम हाईड्रोकार्बन ऑयल, बाल बेयरिंग और आईईडी का इस्तेमाल किया गया था.
एटीएस की चार्जशीट के मुताबिक जर्मन बेकरी में बम यासीन भटकल ने रखा और हिमायत बेग बेकरी के बाहर निगरानी कर रहा था. इस मामले में मास्टरमाइंड हिमायत बेग, शेख लालबाबा मोहम्मद हुसैन उर्फ बिलाल बेग और कतील सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया था. पुणे की यरवदा जेल में दो कैदियों ने कतील सिद्दीकी की हत्या कर दी थी. इस मामले के 4 अहम आरोपी यासीन भटकल, मोहसिन चौधरी, रियाज भटकल और फैयाज कागजी अब भी फरार हैं और देश की सुरक्षा एजेसिंयों को इनकी कई आतंकी मामलों में तलाश है.
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