बैंक से छहः लाख की ठगी
देहरादून, 5 मई, । एसबीआई बैंक से प्लाट की रजिस्ट्री के फर्जी कागजात दिखाकर छह लाख की ठगी करने का एक मामला सामने आया है। जिसमें स्टेट बैंक की जाखन शाखा के मैनेजर ने राजपुर थाने में चार लोगों के नाम रिपोर्ट दर्ज करायी है। पुलिा से प्राप्त जानकारी के अनुसार एसबीआई की जाखन स्थित शाखा के मैनेजर रमेन्द्र रंजन ने राजपुर थाने में रविवार को एक रिपोर्ट दर्ज करायी है जिसमें चार लोगों को नामदर्ज किया गया है बैंक मैनेजर द्वारा इन लोगों पर प्लाट की फर्जी रजिस्टरी के कागजात दिखाकर बैंक से बीते दिनों छह लाख रूपये हाउस लोन के नाम से लेने के जरिए ठगी की गयी है। पुलिस को दी गयी रिपोर्ट के अनुसार किरन शंकर भट्टनागर पुत्र अंानद शंकर भट्टनागर एवं रश्मि भट्टनागर पत्नी किरन शंकर भट्टनागर निवासी 83 तिलक रोड देहरादून तथा विनोद शर्मा पुत्र ओपी शर्मा निवासी अधोईवाला रायपुर मोहम्मद इकबाल पुत्रा मोहम्मद यासीन निवासी कांवली रोड ने बैंक को गलत जानकारी देकर धेखाधड़ी की है। बैंक मैनेजर का आरोप है कि इन चारों लोगों द्वारा बैंक से हाउस लोन लेते वक्त प्लाट की फर्जी रजिस्टरी के कागजात पेश किये गये। पफर्जी कागजातों के जरिए बैंक से इन सभी लोगों ने छह लाख की ठगी की है। उनका कहना है कि जिस प्लाट की रजिस्टरी बैंक को रिकार्ड के लिए प्रस्तुत की गयी वह प्लाट मौके पर है ही नहीं। पुलिस अब मामले की छानबीन में लगी हुई है। वहीं आरोपियों की तलाश भी शुरू कर दी गयी है।
सरकार और संगठन की मुश्किलें बढ़ी
देहरादून, 5 मई। कांग्रेस हाईकमान की टेढ़ी नजर मुख्यमत्रंी विजय बहुगुणा और उनकी सरकार के लिए निकाय चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब बड़ी मुसीबत बन गयी है। विकास में कांगे्रेस सरकार की विफलता को हार का अहम कारण माना जा रहा है। इस हार के लिए दिल्ली दौरे पर गये मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को केन्द्रीय नेताओं के कड़े तेवरों का सामना करना पड़ रहा है तथा वह इस हार के कारणों का कोई समुचित दबाव जवाब नहीं दे पा रहे है। राज्य में धीमी विकास गति के लिए उच्च स्तरीय पर अधिकारियों की फेरबदल करके मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेवार ठहरा रहे है। प्रदेश कांग्रेस और सरकार को स्थानीय निकाय चुनावों के खराब परिणामों ने मुश्किलों मंे डाल दिया है। सूबे के नेताओं को अब यह डर सता रहा है कि यह हार कहीं उनके कद में काट-छांट का कारण न बन जाए। यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा जो अब तक निकाय चुनावों में हार को हल्के में ले रहे थे और इन चुनाव परिणामों का असर आम चुनावों में न पड़ने की बात कर रहे थे अब उन्हें दिल्ली में नेताओं के सवालों के जवाब देना भारी पड़ रहा है। वह फिलहाल गये तो है इको सेंसिटिव जोन मसले पर प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी से वार्ता करने लेकिन निकाय चुनावों की हार उनके गले पड़ गयी है। उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने हार के लिए राज्य सरकार की विकास कार्यों मंे विफलता को जिम्मेवार बताकर पहले ही अपनी गोटियां फिट कर दी है। अब मुख्यमंत्री को इस पर जवाब देते नहीं बन रहा है और वह अधिकारियों की निष्क्रियता को इसके लिए जिम्मेवार ठहरा रहे है। उनका कहना है कि उन्होंने अब जो फेरबदल किया है उससे विकास कार्यों को गति मिलेगी वहीं वह भ्रष्ट अधिकारियों पर श्ंिाकजा कसने की बात भी कह रहे है। यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के पास विजिलंेस की जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गये दो दर्जन से अधिक अधिकारियों की फाइलें पड़ी है जिन पर पिछले एक साल में सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य जैसे कोई भी बड़े नेता इस चुनाव की हार की जिम्मेदारी ले रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान ने इन चुनाव परिणामों को लेकर सख्त नाराजगी जताई है।
छात्र के कमरे से चोरी
देहरादून, 5 मई, । एक छात्र का उसके कमरे से लैपटाॅप और मोबाइल चोरी हो गया। छात्र ने इसकी रिपोर्ट क्लेमनटाउन थाने में दर्ज करायी। जानकारी के मुताबिक राहिल नियास ग्राफिक एरा का छात्र है और वह सी-12 टर्नल रोड पर किराये के कमरे में रहता है। उसके साथ ही ग्राफिक एरा में पढने वाले दो अन्य छात्र भी उसके रूम पाटर्नर है शनिवार रात वह तीनों छात्र कमरे में मौजूद थे लेकिन रविवार सुबह उसके दो दोस्त जल्दी जागकर माॅर्निग वाॅक के लिए घर से निकल गये थोड़ी देर बाद नियास की नींद टूटी तो उसने देखा कि उसका मोबाइल और लैपटाॅप गायब है। उसने सोचा कि हो सकता है कि उसके दोस्त लैपटाव व मोबाइल को सुरक्षित रख गये होंगे लेकिन जब उसके दोस्त जब वापस आये तो उसने लैपटाप और मोबाइल के बारे में उनसे जानकारी मांगी लेकिन दोस्तों ने कहा कि इसके बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है। उसके दोस्त जब माॅर्निग वाॅक पर गये थे तो कमरा खुला छोड़ गये थे इसी बीच किसी ने उसके मोबाइल व लैपटाॅप पर हाथ साफ कर दिया। पुलिस मामले की छानबीन मंे लगी है।
दून सुंदर बनाओं पोस्टर हटाओं
देहरादून, 5 मई, । यंू तो सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर दून को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किये जाते रहे है, लेकिन इसके बावजूद भी राजधानी दून को साफ, स्वच्छ और संुदर बनाने के यह प्रयास सफल नहीं हो पाते है और दून की तस्वीर बजाए सुधरने के दिनों दिन बिगड़ती जा रही हैै। टूटी-फूटी सड़कें और जगह-जगह गंदगी के ढेर और उनसे उठती दुर्गंध ने शहर को अपनी गिरफ्त में ले रखा है। अंधाधुध वृक्षों के कटान और कंक्रीट के जंगल में तब्दील में होते इस शहर के स्वरूप को बचाना एक बड़ी चुनौती हो गया है। ऐसा मानना है वेस्ट वरियर्स की सुजाता का। वेस्ट वरियर्स द्वारा रविवार को शहर को दून सुंदर बनाओं पोस्टर हटाओं के अभियान के तहत आज यहां एक रैली का आयोजन किया गया। हजारों लोग हाथों में बैनर, पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे इन लोगों का मानना है कि प्रचार और राजनीतिक दलों द्वारा शहर की तमाम दीवारों को पोस्टरों से पाट दिया गया है जो शहर की संुदरता को बिगाड़ रहा है। दीवारों से पोस्टर बैनर हटाने के लिए इन कार्यकर्ताओं ने संेट जोसफ स्कूल से एक रैली निकाली जो घंटाघर से दर्शनलाल चैक और तिब्बती बाजार होती हुई सेंट जोसेफ स्कूल पर जाकर समाप्त हुई। इस रैली के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने दून नगरी को साफ सुथरा बनाने का लोगों को संदेश दिया। इस रैली में मेयर विनोद चमोली ने भी शिरकत की।
विकलांगों के स्वास्थय परीक्षण किया
देहरादून, 5 मई, । नारायण सेवा संस्थान उदयपुर के सौजन्य से स्थानीय जैन धर्मशाला में विकलांगों की सेवार्थ रविवार को एक शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विकलांगों के स्वास्थय परीक्षण के साथ-साथ उन्हें विभिन्न उपकरण वितरित किये गये। नारायण सेवा संस्थान द्वारा जैन धर्मशाला में रविवार को लाला वीरसेन जैन की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में विकलांग और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। अनिल कुमार जैन द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार शिविर के दौरान 155 विकलांगों का ओपीडी में रजिस्ट्रेशन कराया गया। 18 विकलांगों को आॅपरेशन के लिए चिन्हित किया गया जिनका जयपुर में संस्था के खर्चे पर आॅपरेशन किया जायेगा। वहीं 13 विकलांगों को ट्राई साइकिलें बांटी गयी जबकि पांच विकलांगों को व्हीलचेयर प्रदान की गयी। इस अवसर पर जैन धर्मशाला के सहयोग से इस आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की गयी। वहीं अनिल कुमार जैन ने बताया कि ऐसे शिविरों के माध्यम से उन लोगों की मदद की जाती है जो अपना इलाज कराने की सामर्थ नहीं रखते। उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक विकलांग और असहाय लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि नारायण सेवा संस्थान द्वारा विकलांगों को मुफ्त इलाज दवाएं और उपकरण उपलब्ध कराये जाते है। जिससे वह भी समाज की मुख्य धारा के साथ जुड़ सके और स्वयं को कुंठित महसूस न करें। उन्होंने कहा कि यह काम नर सेवा नारायण सेवा की भावना से किया जाता है और इस तरह के आयोजन हर साल कुछ अंतराल बाद किये जाते रहते है।
मन की शुद्धता सामाजिक वातावरण की शुद्धता के लिए जरूरी: मंडल
देहरादून, 5 मई, । मनुष्य में मन की शुद्धता सामाजिक वातावरण की शुद्धता के लिए जरूरी है क्यांेकि मन की गंदगी सामाजिक माहौल को प्रदूषित करती है। सन्त निंरकारी मंडल के तत्वाधान में ये बात रविवार को आयोजित साप्ताहिक संत्सग के दौरान ज्ञान प्रचारक विजय रावत ने कही। उन्होंने कहा कि बिना ईश्वर को मन में बसाये मनुष्य में सुन्दर भाव स्थापित होना नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि भक्ति और ज्ञान का संगम ही ब्रहम ज्ञान का आधार है। जब मनुष्य ब्रहम ज्ञान को प्राप्त कर लेता है तो उसे ईश्वर के साक्षात दर्शन हो जाते है। संत्सग की समाप्ति पर इग्लैन्ड की एनजीओ वैस्ट वारियर्स की स्वयं सेविका सुश्री जौडी के नेतत्व में उनके सहयोगियों व सत्संग मे आएं श्रद्वालुओं ने रैली निकालकर लोगों को प्रर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस दौरान निंरकारी मंडल के सयोजक कलम सिंह रावत, मनजीत सिंह समेत कई श्रद्वालु शामिल रहे।
सरबजीत की आत्मशंाति के लिए मौन रखा
देहरादून, 5 मई, । आॅल इंडिया हिन्दू पर्सनल लाॅ बोर्ड द्वारा सरबजीत की आत्मशंाति के लिए न्यू कैंट रोड पर आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सरबजीत की आत्मशंाति के लिए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रंद्धाजलि दी और हवन आदि किया गया। मंहत त्रिवेणी दास के सानिध्य में आयोजित इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के इस कुकृत्य की निंदा की गयी और वक्ताओं ने कहा कि सरबजीत की हत्या पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर की गयी है और यह एक सुनियोजित हत्या है। वक्ताओं ने सरबजीत के परिवार को आर्थिक सहायता देने और उनके परिजनों को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की। इस अवसर पर विधायक गणेश जोशी पार्षद भूपेन्द्र कठैत, आशीष गुप्ता, अमरदीप नारायण सिंह, इन्दर सिंह, सतेन्द्र नाथ, ओमी पन्ना, सहित अनेक लोग मौजूद थे।
प्रोत्साहन धनराषि देने का षासनादेष जारी
पिथौरागढ़/देहरादून, 5 मई, । ऐक्टू से संबद्व उत्तराखण्ड आषा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के आंदोलन के दबाव में आकर राश्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन ने जननी सुरक्षा योजना के तहत आषा वर्करों को ग्रामीण क्षेत्र में 600 तथा षहरी क्षेत्र में 400 रूपये की प्रोत्साहन धनराषि देने का षासनादेष जारी कर दिया है। एक अप्रैेल 2013 से इन दरों को लागू किया जा रहा है। इस सूचना के मिलते ही उत्तराखण्ड के आषा वर्करों में खुषी की लहर है। आषा वर्कर्स यूनियन की प्रदेष अध्यक्ष हेमलता सौन तथा प्रदेष महामंत्री जगत मर्तोलिया ने यहां जारी बयान में बताया कि एन.आर.एच.एम. मिषन निदेषक द्वारा जारी षासनादेष के अनुसार ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन के अंतर्गत कार्य करने वाली आषा वर्करों को इस वित्तीय वर्श से जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन की धनराषि बढ़ी हुई मिलेगी। उन्होंने बताया कि वर्श 2011 में स्वास्थ्य मिषन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत आषा वर्करों को दी जाने वाले 600 रूपये की धनराषि को घटाकर 350 रूपया कर दिया था। इसके खिलाफ यूनियन देहरादून, दिल्ली के अलावा राज्यभर में दो वर्शो से लगातार धारावाहिक आंदोलन किए। इन आंदोलनों के चलते ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन ने 350 रूपये की जगह अब इस प्रोत्साहन की राषि 600 रूपये कर दी है। षहरी क्षेत्र में कार्य करने वाली आषा वर्करों को अभी तक जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत 200 रूपये की प्रोत्साहन राषि मिलती थी। इसे बढ़ाकर 400 रूपया कर दिया गया है। एक अप्रैल 2013 से इसे लागू मानते हुए यह व्यवस्था दी गई हैं कि जिन आषाओं को पुरानी दरों से भुगतान किया गया है उन्हें नई दरों से दूसरी किष्त के रूप में पुनः भुगतान किया जाएगा। यूनियन ने कहा कि आषा वर्करों के लगातार चल रहे संघर्शो के बाद सरकार तथा स्वास्थ्य मिषन झुकी है। उन्होंने कहा कि मानदेय, राज्य प्रोत्साहन राषि के भुगतान सहित कई मांगों को लेकर फिर राज्य में जोरदार आंदोलन की तैयारी में यूनियन जुटी हुई है।
वर्षों बाद भी अधूरी पड़ी है पेयजल योजना से लोगों में रोष
देहरादून, 5 मई, । छुटऊ-पुरोड़ी तोक समूह पेयजल योजना चकराता क्षेत्र में विवादों के चलते वर्षों बाद भी पूर्ण नहीं हो पाई। पेयजल योजना का निर्माण कार्य करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद अधूरा पड़ा हुआ है। पेयजल योजना अधर में लटके होने से क्षेत्रवासियों से पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने इस संबंध में पेयजल मंत्री को ज्ञापन भेजा है। छुटऊ-पुरोड़ी तोक समूह पेयजल योजना क्षेत्र की महत्वपूर्ण पेयजल योजना है।। इस पेयजल योजना को वर्ष 2005 में स्वीकृति मिली थी। इसके निर्माण का जिम्मा उत्तराखंड पेयजल निगम पुरोड़ी को सौंपा गया था। 43 किमी लंबी इस पेय योजना से छावनी बाजार चकराता, लागापोखरी, षणा, रिखाड़, पुरोड़ी-छुटऊ तोक, माक्टी, रामताल गार्डन व बिरमौ समेत दर्जनों गांवों में पेयजल आपूर्ति की जानी थी। यह पेयजल योजना विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। विभाग अभी तक योजना का रिजर्व टैंक तक नहीं बना पाया। लाइन विस्तारीकरण का कार्य ष्प है।। यह पेयजल योजना मात्र पुरोड़ी तक ही बन पाई है। योजना का जो हिस्सा बना वह भी रखरखाव के अभाव में जर्जर हालत में है। ग्रामीणों का आरोप है कि पेयजल योजना की पाइप लाइन मानकों के अनुरूप नहीं बनाई गई है। इस पेयजल योजना के पूर्ण न हो पाने से नवीन चकराता बसाने का सपना भी अधूरा ही रह गया।। ग्रामीणों ने पेयजल मंत्री को ज्ञापन भेजकर अधूरी पड़ी इस पेयजल योजना का निर्माण शीघ्र पूर्ण करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि पेयजल निगम योजना के निर्माण के पति उदासीन बना हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ता शूरवीर सिंह चैहान का कहना है कि इस पेयजल योजना के निर्माण से क्षेत्र के कई गांवों को पेयजल समस्या से निजात मिल जाएगी। उनका कहना है कि गर्मी के सीजन में क्षेत्र में गंभीर पेयजल संकट पैदा हो जाता है। गर्मी के सीजन में पाकृतिक जलस्रोत सूख जाते हैं, जिस कारण लोगों को पानी की बूंद-बूद को तरसना पड़ता है। ग्रामीणों को प्यास बुझाने के लिए कई किलोमीटर दूर से पानी ढोना पड़ रहा है। पेयजल मंत्री को भेजे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि अधूरी पड़ी पेयजल योजना का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाए, जिससे कि लोगों को पेयजल समस्या से न जूझना पड़े।
लाखामंडल को उप तहसील बनाने की मांग
देहरादून, 5 मई, । लाखामंडल को उपतहसील बनाए जाने की मांग जौनसार-बावर क्षेत्र के लोगों ने की है। इस संबंध में क्षेत्रवासियों ने राजस्व मंत्री को एक ज्ञापन भेजा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि काडोई-बौंदूर क्षेत्र के सात दर्जन से ज्यादा गांवों के लोगों को तहसील दूर होने के कारण खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जौनसार-बावर का सीमावर्ती कांडोई-बौंदूर क्षेत्र उत्तरकाशी व टिहरी जिले की सीमा से सटा है। यहां विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने ब्रिटिशकालीन चकराता तहसील को कालसी व त्यूणी समेत तीन तहसीलों में विभाजित किया, लेकिन कांडोई-बोंदूर क्षेत्र की अनदेखी की। तहसील मुख्यालय से 60 किमी दूर इस क्षेत्र के लोगों को अपने रोजमर्रा के कार्ये के निपटाने को हर रोज गांव से चकराता तहसील मुख्यालय आना होता है। इससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानिया झेलनी पड़ती है। कई बार ग्रामीणों का पूरा दिन तहसील में फ्रमाणपत्र आदि बनवाने के चक्कर में खराब हो जाता है। ऐसे में ग्रामीणों का जहां एक ओर गांव से चकराता आने-जाने में समय बर्बाद होता है, वहीं उन्हें आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है। कई बार तहसील में अधिकारी नहीं मिलते जिस कारण लोगों के काम नहीं हो पाते और उन्हें निराश होकर बैरंग लौटना पड़ता है। चकराता तहसील कार्यालय दूर होने के कारण लोगों का काफी समय आने-जाने में ही लग जाता है, जिस कारण अन्य कार्य पभावित होते हैं। राजस्व मंत्री को भेजे गए ज्ञापन पर कुंवर सिंह पंवार, चतर सिंह, केशवराम जोशी, टीकाराम शाह आदि के हस्ताक्षर है। उनका कहना है कि क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए कांडोई-बौंदूर क्षेत्र के केंद्र बिंदु एवं ऐतिहासिक पर्यटन स्थल लाखामंडल को उपतहसील बनाया जाए।
(राजेन्द्र जोशी)
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