निबंधन कार्यालय परिसर से टाइमबम बरामद, टला बड़ा हादसा
- एसपी कार्यालय और डीएम कार्यालय के पीछे टाइमबम
- बम निरोधक दस्ता ने किया निष्क्रिय
- पुअर पिपुल्स वार ने ली जिम्मेवारी, पर्चा छोड़ दी धमकी
पश्चिम चम्पारण पुलिस ने रजिस्ट्री कार्यालय के मुख्य द्वार से एक टाइम बम बरामद किया है। उक्त बम को बम निरोधक दस्ता ने निष्क्रिय कर दिया है। जिससे एक बहुत बड़ा हादसा टल गया। बम के पास पुलिस ने एक हस्तलिखित पर्चा भी बरामद किया। जिसमे घटना की जिम्मेवारी पुअर पिपुल्सवार के डा. राज ने लेते हुए धमकी दी है कि वकील अपनी फीस सुनिश्चित करें, गरीबों को लूटना छोड़ दें अन्यथा यह टेलर तो देख चुके हैं, फिल्म देखने के लिए तैयार रहें। जाहिर है कि जिले मंे पहली बार इस नक्सली गुट पुअर पिपुल्सवार ने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराया है। जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह साढ़े नौ बजे जब रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मी पहुंचे तो मुख्यद्वार पर काले पोलीथीन में बांधकर कुछ रखा हुआ सामान देखे। जिसमें से घड़ी जैसी टिक-टिक की आवाज आ रही थी। जिससे उनका माथा ठनका और इसकी सूचना अपने वरीय पदाधिकारियों को दिया। इसके बाद इसकी सूचना जिला पदाधिकारी श्रीधर सी. व पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार नायक मेघावत को दी गई। सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंचे एसपी और नगर थानाध्यक्ष अजीत कुमार सिंह व पुअनि बचनेश्वर राम ने स्टीक के सहारे पोलीथीन को खोला तो उसमें एक टाइम बम व एक हस्तलिखित पर्चा पाया। इस दौरान बेतिया एसपी सुनील कुमार नायक ने निबंधन कार्यालय व परिसर को पूरी तरह खाली करा दिया। वहीं पुलिस निरीक्षक अजय मिश्र व कालिका राम के अलावा दर्जनभर थानाध्यक्ष दल-बल के साथ पहुंचकर कार्यालय परिसर को घेर लिया। एसपी के निर्देशानुसार उसे पानी भरे प्लास्टिक की टोकरी मंे स्टीक के सहारे रख दिया गया। फिर बालू की बोरियों से चारों ओर से बम को घेर दिया गया। उसके बाद एसपी ने एसएसबी के डाॅग स्क्वायड को बुलाया, जिसने पूरे परिसर की तलाशी ली। उसके बाद मुजफ्फरपुर के बम निरोधक दस्ते को सूचना देकर बुलाया गया, शाम को करीब साढे़ पांच बजे पहुंची दस्ते ने सावधानी व सतर्कता से टाइम बम को निष्किय कर दिया। इस बाबत एसपी ने बताया कि बम असली और प्रभावकारी था। इस मौके पर मुफस्सिल थानाध्यक्ष प्रियरंजन, चनपटिया थानाध्यक्ष इरशाद आलम, समेत दर्जनों पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहे। बताते चलें कि नक्सली के पहुंचने की गुप्त सूचना पुलिस को मिली थी। जिसके आधार पर मंगलवार को कोर्ट परिसर में पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व मंे सघन जांच की गई और दर्जनभर लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। वैसे इस घटना की सूचना पूरे जिले में फैली और दिन भर इसकी चर्चा चैक-चैराहों पर होती रही। गौरतलब है कि पश्चिम चम्पारण जिला को नक्सल प्रभावित घोषित उस वक्त किया गया, जब जिला में कोई नक्सली गतिविधि नहीं थी। इस बावत सरकार ने जिला को नक्सलवाद से लड़ाई व बचाव के लिए करोड़ो ही नहीं करीब अरब रूपये मुहैया कराये। इधर सरकार को कुछ ऐसी रिपोर्ट मिली जिससे विपक्ष को हथियार मिलता कि अचानक यह घटना सामने आ गयी वो भी जिला पुलिस कप्तान के कार्यालय के पीछवाड़े और डीएम कार्यालय के पश्चिम। सारे लोग सकते में है और मामला काफी पेंचिदा है, हालाकि अब इस मामले में कुछ अलग से पुलिस के लिए बचा ही नहीं सिवाय डाॅ.राज की गिरफ्तारी के। विपक्षी भाकपा माले के हवाले से बताया गया कि यह वामपंथ को बदनाम करने की कुत्सित साजिश है।
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