केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता प्रफुल्ल पटेल ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-दो सरकार के शेष कार्यकाल में कार्यशैली में सुधार लाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आगामी आम चुनाव में अपनी संभावनाओं को बेहतर बनाने और गठबंधन सरकार के नेतृत्व करने के लिए कई दलों से तालमेल करना होगा। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री पटेल ने कहा कि संप्रग को इन चीजों को द्रुत गति से अंजाम देना होगा।
पटेल ने यहां एक साक्षात्कार में कहा, "हमें एक द्रुत और निर्णायक निर्णय लेने वाली सरकार की दरकार है।" उन्होंने कहा कि संप्रग के पुनर्निर्वाचित होने की अच्छी संभावना है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस को 2014 के आम चुनाव में बाजी मारने के लिए अन्य कई सहयोगी दलों की जरूरत पड़ेगी।" मंत्री ने कहा कि लोगों के बीच धारणा है कि सरकार कुछ ज्यादा नहीं दे पाई। लोगों पर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन जैसा मुद्दा हावी है। मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संप्रग-दो सरकार ने बुधवार को चार वर्ष पूरा कर लिया।
पटेल ने कहा, "निश्ििचत रूप से यह धारणा से जुड़ा मुद्दा है। इसके बाबत सरकार को सुधार के तरीकों को अपनाने की जरूरत है।" लोकसभा के लिए चार बार और राज्यसभा के लिए दो बार निर्वाचित होने वाले पटेल ने कहा कि बुनियादी ढांचे और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए निर्णय लेने की जरूरत है। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नीत सरकार पर आरोप लगने से राकपा की संभवनाओं पर असर पड़ेगा, तो उन्होंने कहा कि सरकार के संबंध में धारणा का असर घटक दलों पर भी पड़ता है।
उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का चयन कांग्रेस को करना है, क्योंकि वह गठबंधन की मुख्य पार्टी है। पटेल ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा का गठबंधन जारी रहेगा। दोनों पाटियां लोकसभा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव एकसाथ लड़ेंगी। उन्होंने कहा, "हमारा महाराष्ट्र में 13 वर्षो से और दिल्ली में 9 वर्षो से गठबंधन है।"
तृणमूल कांग्रेस और डीएमके के केंद्र सरकार से नाता तोड़ने के सवाल पर पटेल ने कहा कि घटक दलों का प्रबंधन गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी की जिम्मेदारी है। राकांपा प्रमुख शरद पवार के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं पर पटेल ने कहा कि पवार के पास एक राष्ट्रीय नेता का कद है।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के दौड़ में शामिल होने की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि इसका निर्णय मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को करना है। लेकिन मोदी अपने साथ 'भारी-भरकम बोझ' लेकर आएंगे।
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