अपने दो मंत्रियों के विवादों में फंसने से बुरी तरह घिरी यूपीए सरकार के खिलाफ विपक्ष ने सीधा मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने साफ ऐलान कर दिया कि जब तक रेलवे घूसकांड में फंसे रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट बदलवाने वाले कानून मंत्री अश्विनी कुमार इस्तीफा नहीं देंगे, तब तक कोई भी बिल पास नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने सरकार के खाद्य सुरक्षा बिल पर जबरन चर्चा कराने की कोशिश की भी निंदा की।
गौरतलब है कि लोकसभा में सोमवार को मंत्रियों के इस्तीफे की मांग को लेकर हो रहे हंगामे के बीच सरकार ने खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा शुरू करवा दी थी। बंसल के लिए 'मामू मामू' के नारों के साथ विपक्षी सदस्यों ने इस पर हंगामा कर दिया, जिससे बिल पर चर्चा अधूरी ही रह गई।
सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों मंत्रियों के इस्तीफे के मुद्दे पर पूरा विपक्ष एकजुट है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के मंत्री बाहर भष्टाचार करते हैं और अंदर लोकतंत्र पर अत्याचार करते हैं। सुषमा ने कहा कि सरकार ने आज जिस तरह से खाद्य सुरक्षा बिल जबरन पास करवाने की कोशिश सरकार वह दरअसल उसके अपने कारनामों से ध्यान हटाने की कोशिश है। उन्होंने कहा 'जहां तक बिलों का सवाल में मैं साफ कर देना चाहती हूं कि खाद्य सुरक्षा बिल, भूमि अधिग्रहण बिल दोनों अहम हैं, लेकिन जब सदन इतना तनावग्रस्त हो और मंत्रियों और प्रधानमंत्रियों के इस्तीफे मांगे जा रहे हों, ऐसे में इस पर चर्चा नहीं हो सकती।'
उन्होंने कहा कि आज समूझे विपक्ष ने स्पीकर के आसन के पास जाकर विरोध जताया। यूपीए के सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम ने भी संसदीय कार्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से कहा कि बिल शोर-शरोबा में पारित नहीं होना चाहिए। इसके बावजूद यह कोशिश की गई। उन्होंने कहा, 'सरकार दोषी मंत्रियों का इस्तीफा ले और सदन चलाए। 10 तारीख तक सदन है और दोनों बिल पास हो सकते हैं, लेकिन सरकार पहले जवाबदेही तय करे। देश को लूटने का जो सिलसिला मंत्रियों ने शुरू किया है, उस पर उनका इस्तीफा लिया जाना चाहिए।
इससे पहले संसद में विवादित मंत्रियों की इस्तीफे की मांग पर खूब हंगामा हुआ। लोकसभा की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद तीन बजकर 20 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इसी हंगामे और नारेबाजी के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री पवन सिंह घटोवार ने वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की ओर से 'राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक संशोधन विधेयक ' भी पेश किया। तीन बार के स्थगन के बाद तीन बजे सदन की बैठक फिर से शुरू होने पर नारेबाजी और हंगामे के बीच ही महत्वाकांक्षी 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक' पर चर्चा शुरू कराई गई, लेकिन हंगामा बढ़ने पर चर्चा अधूरी रही और सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
1 टिप्पणी:
mantri ko bil se bahar nikalna chahiye;)
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