पटना। दिल्ली की पुलिस और बिहार की पुलिस भाई-भाई। दोनों जगहों की पुलिस ने भारतीय कानून को बौना साबित कर दिया। दोनों ने कानून को अपने हाथ में लेकर अपने कानून को लागू करने लगे। कुछ हद तक अपने तरीके से मामले को सलटाने में लग गये। दिल्ली में मीडिया और बिहार में जन संगठन एकता परिशद के हस्तक्षेप से मामला उजागर हो सका। दिल्ली की पुलिस ने दो हजार रूपए देकर मामले को रफादफा करने में लग गयी। तो बिहार की पुलिस ने लोक-लाज का हवाला देकर मामला को दबाने में उतारू हो गयी। हुआ यह कि नौबतपुर थाने के कालापुर गांव में रहने वाले रमेश राम की पुत्री अनामिका (काल्पिक नाम,14 साल) घर से निकलकर 28 अप्रैल की सुबह करीब तीन बजे शौच के लिए पास के खेत में जा रही थी तो उसी वक्त गांव के ही जमुना महतो का 24 वर्षीय पुत्र सुशील ने उसे पकड़ लिया तथा उसके मुंह को कपड़े से बांधकर उसे अपने घर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बदमाश तीन घंटे तक अपने घर में ही छुपाये रखा। इस बीच बच्ची की खोजबीन शुरू कर दी गयी। कुछ समय के बाद बच्ची भागकर घर आयी तथा आपबीती घटित घटना के बारे में जानकारी दी।
पीड़िता के पिता रमेश राम ने कहा कि पहले हम गांव स्थित पुलिस कैम्प गए एवं घटना की जानकारी पुलिसकर्मियों को दी लेकिन पुलिस ने लोक-लाज का हवाला देकर हम लोगों को भगा दिया। इस तरह बड़ा बाबू मामले को मैंनेज करने पर उतारू हो गये। इसके अगले दिन गांव के ओमप्रकाश नामक व्यक्ति के साथ जब नौबतपुर थाना गए तो बड़ा ने कहा कि जाओ पहले आपस में मैंनेज कर लो। बात नहीं बने तब थाना आना।
इस बीच मंगलवार को पिता रमेश राम अपनी बच्ची को लेकर एकता परिशद के कार्यालय गए। फिर एकता परिषद के कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप पर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। एकता परिषद,बिहार के प्रांतीय संयोजक प्रदीप प्रियदर्शी, एकता परिषद, बिहार की संचालन समिति की सदस्या मंजू डुंगडुंग, सिंधु सिन्हा, माला श्री आदि ने महादलित बच्ची के साथ रेप करने वालों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है। पीड़िता को पर्याप्त मुआवजा देने और एफआईआर दर्ज करने के बदले मामले को मैंनेज कर देने की बात करने वाले बड़ा बाबू को निलम्बित करने की मांग की गयी। एकता परिषद,बिहार की संचालन समिति की सदस्या मंजू डुंगडुंग के नेतृत्व में एक जांच दल नौबतपुर थाने के कालापुर गांव में जाकर गहन पड़ताल करने के बाद एसएसपी मनु महाराज को रिपोर्ट पेश करेंगे।
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