राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2011 के लिए 47वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रसिद्ध ओड़िया लेखिका प्रतिभा राय को प्रदान किया। यह देश का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है। इसके लिए संसद के पुस्तकालय भवन के बालयोगी सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मुखर्जी ने मौके पर कहा कि प्रतिभा राय एक पूर्ण लेखिका मानी जाती हैं। उन्होंने उपन्यास, लघु कथाएं, बाल कहानियां, आत्मकथा, अनुवाद सहित कई खंडों में गीतों की रचना की।
उन्होंने कहा, "स्कूल और कॉलेजों को देसी भाषा में प्रकाशित साहित्य को पढ़ने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए। इससे युवा छात्र अनजान जगहों के बारे में परिचित होंगे। इससे वे हमारे देश की सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के प्रति अधिक संवेदनशील होंगे।"
प्रतिभा राय ने अपने उपन्यासों के मार्फत सामाजिक अन्याय और भष्ट्राचार के विरुद्ध आवाज बुलंद किया। ओडिशा के बोंडा पहाड़ियों के बोंडा जनजाति पर उनके नृशास्त्रीय अध्ययन को 'अधिभूमि' नाम से प्रकाशित किया गया। इसे नृशास्त्रीय अध्ययन पर एक श्रेष्ठ कृति माना जाता है। उनका उपन्यास 'मगनमति' 1999 के महा चक्रवात पर आधारित है। यह उनकी सर्वोत्कृष्ट रचना है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें