संसद भवन के समीप अत्यंत सुरक्षा वाले विजय चौक पर आधे घंटे से भी अधिक समय तक आवागमन अवरुद्ध करने पर सिख समुदाय के करीब 200 प्रदर्शनकारियों को सोमवार को हिरासत में ले लिया गया। प्रदर्शनकारी 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के बरी होने का विरोध कर रहे थे।
पुलिस उपायुक्त एसबीएस त्यागी ने कहा, ‘सुबह 10:50 से शुरू हुआ प्रदर्शन करीब एक घंटे तक जारी रहा। विजय चौक से हमने करीब 200 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया।’ सरकार विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने विजय चौक की ओर कूच किया। यह चौक संसद भवन और नार्थ काम्प्लेक्स व साउथ काम्प्लेक्स के मध्य में आता है। इन्हीं दो भवनों में प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ केंद्रीय गृह, रक्षा, वित्त एवं विदेश मंत्रालयों के दफ्तर स्थित हैं। यहां से एक सड़क राष्ट्रपति भवन की तरफ भी जाती है। प्रदर्शन की वजह से कई सांसदों को संसद भवन तक कुछ दूरी पैदल तय करनी पड़ी।
पुलिस के लिए सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि प्रदर्शनकारी छोटे-छोटे समूहों में वहां तक पहुंचे। त्यागी ने कहा, ‘हमें गुरुद्वारा रकाबगंज से जंतर मंतर तक प्रदर्शन होने की जानकारी थी। हमें संसद के समीप प्रदर्शन की उम्मीद ही नहीं थी।’ सज्जन को कठोर दंड और दंगा पीड़ितों के लिए न्याय की मांग को लेकर सिख प्रदर्शनकारी शुक्रवार से जंतर-मंतर पर जमे हुए हैं। सज्जन को दिल्ली की एक अदालत ने 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों के खिलाफ भड़के दंगे के दौरान दिल्ली कैंट इलाके में पांच लोगों की हत्या से जुड़े एक मामले में 30 अप्रैल को बरी कर दिया था। अदालत ने इस मामले में पांच अन्य को दोषी ठहराया था।
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