जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को गुरुवार देर रात राजधानी दिल्ली में ऐहतियातन हिरासत में ले लिया गया। मलिक दिल्ली के जंतर-मंतर पर तीन मई से संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठने वाले थे। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया था, "मलिक ने पत्र भेज कर जंतर मंतर पर भूख हड़ताल की इजाजत मांगी थी लेकिन उनकी मांग को नामंजूर कर दिया गया है।"
अधिकारी ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की समस्या के कारण यासीन को इजाजत नहीं दी गई है। सूत्रों ने बताया कि मलिक को ऐहतियातन हिरासत से संबंधित धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया है। मलिक शुक्रवार से रविवार तक 48 घंटे की भूख हड़ताल पर स्पष्ट रूप से बैठने वाले थे।
बुधवार को अलगाववादी नेता ने कहा था कि संसद पर हमला मामले के दोषी अफजल गुरु और जेकेएलएफ के संस्थापक मकबूल भट्ट के शव को कश्मीर लाए जाने की मांग को लेकर वे भूख हड़ताल पर बैठेंगे। अफजल गुरु को इसी साल 9 फरवरी को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई और जेल परिसर में ही दफन कर दिया गया। इसी जेल में 1984 में भट्ट को भी फांसी देने के बाद दफनाया गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें