पीसी चाको को जेपीसी अध्यक्ष पद से हटाने की विपक्ष की मांग को नामंजूर करते हुए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने चाको और जेपीसी के अन्य सदस्यों से कहा कि वे 2जी स्पेक्ट्रम रिपोर्ट को लेकर चल रहे मौजूदा गतिरोध को समाप्त करने के लिए परस्पर सहमति से कोई समाधान निकालें।
मीरा कुमार ने कुछ कांग्रेस सदस्यों की इस मांग को भी ठुकरा दिया कि भाजपा नेता यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह और रवि शंकर प्रसाद को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए क्योंकि ये तीनों 1998 से 2004 के बीच दूरसंचार से जुड़ी निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल रहे थे।
जेपीसी में 30 सदस्य हैं। संप्रग के पूर्व सहयोगियों द्रमुक एवं तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के 15 सदस्यों ने अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें जेपीसी अध्यक्ष में अब विश्वास नहीं रह गया है। इन सदस्यों ने मीरा कुमार से अपील की थी कि चाको को तत्काल हटाया जाए और उनकी जगह समिति के किसी अन्य सदस्य को नियुक्त किया जाए।
जवाब में छह कांग्रेस सदस्यों ने भी अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा था कि सिन्हा, सिंह और प्रसाद को समिति से हटाया जाए। पत्रों में कही गई बातों पर अफसोस व्यक्त करते हुए मीरा कुमार ने अध्यक्ष और जेपीसी सदस्यों से कहा कि वे अपने मतभेद दूर करें। अध्यक्ष ने कहा कि जेपीसी अध्यक्ष को हटाने के सवाल पर मौजूदा नियमों और पूर्व की परंपराओं के आलोक में अध्ययन किया गया। नियमों में ऐसे प्रावधानों के अभाव में किसी संसदीय समिति के अध्यक्ष को हटाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि ये अलग बात है कि अध्यक्ष खुद ही पद से इस्तीफा दे दें। जसवंत सिंह के बारे में मीरा कुमार ने कहा कि जब जसवंत को भाजपा से हटाया गया था, वह पीएसी के अध्यक्ष थे हालांकि भाजपा ने उनसे जसवंत को उनके पद से हटाने के लिए कहा था।
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