आप स्वयं तय करें कि बिहार में सुशासन है अथवा कुशासन ! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 22 मई 2013

आप स्वयं तय करें कि बिहार में सुशासन है अथवा कुशासन !


इसे पढ़कर आप स्वयं तय करें कि बिहार में सुशासन है अथवा कुशासन,  अगर सुशासन रहता तो एक चार बच्चों की मां मैमून खातून को बेलगाम बदमाशों के द्वार अव्वल ससुराल में और बाद में मैयके में जाकर बढ़चढ़ के ठोकाई करने का साहस नहीं जुटा पाता। वहीं मुख्यमंत्री से लेकर थाना स्तर तक जनता जर्नादन के आवेदनों को लेकर किसी तरह की कार्रवाई मत करों के कारण से बदमाशों का सीना चौड़ा और तानकर पीड़िता को जान से मारने की धमकी देते नहीं चलता। पीपुल्स फ्रेंडली होने के दावा करने वाली पुलिस के पास बारम्बार अलाप लगाने के बाद भी बदमाशों को सलाखों के पीछे भेजने की तैयारी नहीं की जा रही है। मात्र पुलिस के द्वारा मोबाइल नम्बर दी गयी है। पीड़िता की मां जिन्नत खातून को‘तोता’ की तरह रटा दी गयी है कि जब बदमाश घर में चढ़ाई करेंगे तो उसकी सूचना फौरन देने से घटना स्थल पर आ धमकेंगे। जी, अभी तक का माजरा समझ गये होंगे ? हुआ यह कि 10 मई 2013 को मसौढ़ी में और 13 मई को नौबतपुर में आकर बदमाश मैमून खातून को बुरी तरह से पिटायी कर दिये थे। दोनों जगहों पर मैमून खातून को जान से मार देने की धमकी भी दिये।  पीड़िता और उसकी मां ने नौबतपुर थाने में जाकर मामला दर्ज करवा दिये हैं। नौबतपुर थाने की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर बदमाशों के हौसल्ले सातवें आसमान पर चढ़ गया है। जान से मार देने की धमकी देने वाले खुलेआम छुट्टे साढ़ की तरह घूम रहे हैं। इसके कारण पीड़िता खौफ के साये में जीने को बाध्य हैं। 

संपूर्ण कथा इस तरह की है।  पटना जिले के मसौढ़ी थाना के चरमा पंचायत के विश्वम्बरपुर गांव के निवासी मो. अमीन ने अपने पुत्र मो. रौशन अली की निकाह पटना जिले के नौबतपुर थाना क्षेत्र के फरीदपुरा गांव में रहने वाले मो. बसरूद्दीन की बेटी मैमून खातून के संग की गयी। परम्परा के अनुसार निकाह होने के बाद मैमून खातून ससुराल चली गयी। अभी निकाह होने के 10 साल हो गयी है। दोनों मियां-बीबी के चार बच्चे हैं। जावेद अली (6 साल), नाजनी परवीन (5 साल), चांदनी परवीन (3 साल) और आबिद अली (1 साल) है। मैमून खातून के शौहर मो. रौशन अली मजदूरी करते हैं। मजदूरी करने के लिए हमेंशा घर से बाहर ही चले जाते हैं। विश्वम्बरपुर गांव में मो.अमीन के पुत्र मो.रौशन अली नामक अल्पसंख्यक के पास एक कट्टा रैयती जमीन है। इस एक कट्टा जमीन पर अधूरा घर बना हुआ है। इस अधूरे घर को कुछ लोग हड़पना चाहते हैं। इसकी भनक मिलने और किसी गंभीर अंजाम को भांपकर मो.रौशन अली के अब्बा मो. अमीन विश्वम्बरपुर गांव को छोड़कर अन्यत्र जाकर रहने लगे हैं। परन्तु वहां पर अभी भी मो.रौशन अली डटकर रहते हैं। जो जमीन को हथियाने वालों को नागुजार लग रहा है। किसी तरह विवाद को उत्पन्न करने पर अमादा हैं। 

इस संदर्भ में लोक जनशक्ति पार्टी की नेत्री और पीड़िता की मौसी शमीना खातून कहती हैं कि मसौढ़ी थाने के अन्तर्गत विश्वम्बरपुर गांव के ही कुछ दबंग अल्पसंख्यक हैं। जो किसी दल विशेष के लिए कार्य करते हैं। इनके रिश्तेदार नौबतपुर में भी रहते हैं। इन लोगों ने मो.रौशन अली की बीबी मैमून खातून को तीन साल पहले भी मारपिटायी कर चुके हैं। इस मारपिटायी संबंधी शिकायत मसौढ़ी थाने में जाकर दर्ज भी कराया गया है। इस थाने के द्वारा सख्त कदम नहीं उठाने से बदमाशों के हौसल्ले बुलंद हो चला है। अपने बढ़े हौसल्ले से ही किसी तरह का कार्य का अंजाम देने से कतराते नहीं है। 

कुछ दिन पहले विश्वम्बरपुर गांव के बदमाशों ने मैमून खातून को नोट दिखाकर यौन तृप्ति करने की इच्छा जाहिर किये थे। हवश पूरा करने वाले चाहने वालों ने जमकर शराब पीये और 10 मई 2013 की रात में गहरी नींद में सो गयी मैमून खातून के घर पर धावा बोल दिये। बदमाशों में स्व. लाल मोहम्मद के पुत्र मो. मुक्किम (30 साल), स्व. लाल मोहम्मद  के पुत्र मो. कैसर  अली (20 साल), नबीयास के पुत्र सफी आलाम (30 साल) और नबीयास के पुत्र मो. जाहिद (22 साल) और स्व. मौसीम के पुत्र मो.फिरोज (30 साल) ने बंद दरवाजे की किल्ली तोड़कर घर के अंदर प्रवेश गये। चार बच्चों मां विलाप करती रही। परन्तु बदमाशों ने एक नहीं सुनी। जहां मैमून सो रही थीं। वहां से घसीटकर अन्य रूम में ले जाने का प्रयास होने लगा। बेहाल नारी की साड़ी खुल गयी। ब्लॉज तार-तार हो गया। बदमाश मैमून खातून को गिद्ध की तरह उलझ गये। यहां नोंचे और वहां नोंचे। संवेदनशील स्थानों पर हाथ डालने लगे। अश्लील हरकत करते हुए पकड़कर अन्य घर में ले जाने के दरम्यान साड़ी खोल दिये। ब्लॉज को फाड़ दिये। शरीर को नंगा कर दिये। केवल पेटीकोट ही इज्जत बचा रही थी। होनी को देखे कि 10 मई को विश्वम्बरपुर गांव में रहने वाले श्रीकृष्ण साव के पुत्र शंभु साव का तिलक आया हुआ था। गांव के लोगबाग तिलक समारोह में व्यस्त रहे। बाहर में लाउडस्पीकर की आवाज रही थी। अंदर में चार बच्चों की मां मैमून खातून के साथ बदमाशों के द्वारा शीलहरण करने का जोर जबर्दस्ती करने वाली  आवाज बाहर सुनायी नहीं दे पा रही थी। यह कुलीला बदमाशों के द्वारा मध्यरात्रि में किवाड़ तौड़कर किया गया। मार पिटायी और इज्जत लूटने का सिलसिला कोई 30 मिनटों तक चली। जिस्म को नोंचने वाले बदमाशों ने धमकाया कि  इसकी जानकारी और भनक किसी तरह से बाहर गयी तो कुट्टी-कुट्टी काटकर कुत्तों को खिला देंगे। इस तरह की धमकी आज भी दी जा रही है। बदमाश चाहते है कि इस दबी आवाज को बाहर मुखर न किया जाए। जान से मार देने का खौफ मैमून खातून के चेहरे पर देखा और पढ़ा जा सकता है।

ऐसा लग रहा है कि अब तो उन बदमाशों ने जमीन हथियाने की चाहत को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए जान से मार देने की धमकी भी देने लगे हैं। किसी तरह से विश्वम्बरपुर गांव से जान बचाकर वह भागकर मैयके नौबतपुर आ गयी जिसके कारण 10 मई 2013 को घटित पिटायी, इज्जत लूटने और जान से मारने की धमकी देने के संबंध में शिकायत मसौढ़ी थाना में दर्ज नहीं करायी जा सकी। इस तरह की अप्रत्याशित हादसा से मैमून खातून घबड़ा गयी। अल्लाह से निवेदन करने लगी कि किसी तरह रात की अंधेरी समाप्त हो जाए। अल्लाह ने चार बच्चों की मां को धीरज दे दिये। किसी तरह से मां बच्चों के साथ रात बितायी। सुबह होते ही अपने 4 बच्चों के साथ मैमून खातून मैयके जाने की तैयारी करने लगी। सुबह 6 बजे उठकर मैयके जाने के लिए निकल गयी। इसके ससुराल से कुछ ही दूरी पर पुनपुन नदी है। इसको पैदल चलकर पार कर गयी। नदी पार करने के बाद बकुआं गांव आ गयी। इसी बकुआं गांव से टेम्पू खुलती है। टेम्पू पर चढ़ने के एक घंटें के बाद नौबतपुर थानान्तर्गत फरीदपुरा आ गयी। 

नौबतपुर थाने फरीदपुरा गांव में 13 मई 2013 की घटना 

नौबतपुर थाने के फरीदपुरा गांव में मो. बसरूद्दीन और जिन्नत खातून रहते हैं। इनके आठ औलाद हैं। 6 लड़कियां और 2 लड़के हैं। जिन्नत खातून के पुत्र मो. अशरफ (30 साल ) की निकाह गणेश अंसारी की पुत्री रूबी खातून के संग हुई है। दोनों इन लोगों को एक साथ परिवार में रहते देख फरीदापुरा गांव के कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगा।  इस में बदमाश लोग भी शामिल हैं। चढ़ते फागुन में यानी 3 माह पहले सहीमन खातून और उषा खातून के शह पर स्व. मो मौसीम और सहीमन खातून के पुत्र मो. फिरोज (30 साल ) और मो. नबी आलम और उषा खातून के पुत्र मो. आजाद (25 साल ) और ने मिलकर मो. अशरफ (30 साल ) की बीबी रूबी खातून को अगवा करके फरार हो गये। इन बदमाशों के रिश्तेदार मसौढ़ी में रहते हैं। जहां मैमून खातून रहती हैं। इसके चलते नौबतपुर और मसौढ़ी के परिवार वालों एवं गांव वालों में आक्रोश व्याप्त है।

नौबतपुर थाने के थानाध्यक्ष सुस्त नजर आ रहे हैं। दोनों थाने के थानाध्यक्ष अगर संवेदनशील और सक्रिय हो जाए तो उत्पन्न बदमाष लोग सलाखों के पीछे रहते। थानाध्यक्ष की निष्क्रयता के कारण ही दबंग बदमाश गांवघर की महिलाओं पर डोरा डालते रहते हैं। घर की बेटी-बहुओं को इज्जत लूटने को तैयार रहते हैं। नौबतपुर में मो. फिरोज और मो. आजाद बदमाशी करते हैं। इनको गांव वालों ने सामाजिक सजा भी दे चुके हैं। बाल साफ भी किये गये हैं। अपने साथ 10 मई 2013 की आपबीती मैमून खातून ने अपनी अम्मी जिन्नत खातून से 11 मई को सुना दी। बीबी के साथ मारपीट और इज्जत लूटने की घटना को सुनकर मो. रौशन अली भी आ गये। ममतामयी मां जिन्नत खातून ने अपनी पुत्री मैमून खातून की पिटायी से उत्पन्न समस्याओं को दिखाने के लिए चिकित्सक के पास ले गये। नौबतपुर थाना के लखपुर डाक्टर जगदीश के क्लिनिक में दिखाकर दवा-दारू करवाई गयी। 

11 और 12 मई को जिन्नत खातून और बेटी मैमून खातून के संग रहकर दिनभर शारीरिक अत्याचार पर चर्चा करती रही। इनके साथ मो. रौशन अली भी मौजूद थे। 11 और 12 मई तक नौबतपुर में ही गुजारकर गरीब मजदूर मजदूरी करने निकल गया। ऐसा लग रहा था कि सब कुछ सामान्य हो गया है। परन्तु ऐसा नहीं था। यह तो ज्वालामुखी की तरह शांत वातावरण साबित हुआ। में 13 मई को भूचाल आ गया। करीब 4 बजे दिन में मसौढ़ी से स्व. लाल मोहम्मद के पुत्र मो. मुक्किम, स्व. लाल मोहम्मद के पुत्र मो.कैसर अली, नबीयास के पुत्र सफी आलाम और नबीयास के पुत्र मो. जाहिद आये। उनके साथ स्व. मौसीम के पुत्र मो.फिरोज और उसकी मां सहीमन खातून, नबी आलम के पुत्र मो. आजाद और उसकी मां उषा खातून आकर हंगामा करने लगे। इन लोगों के हाथों में ‘बंडी’ (डंडा) था। 

गत 10 मई 2013 की आपबीती घटनाओं से खौफजदा मैमुन खातून ने डर से भागकर 13 मई को घर की किवाड़ अंदर से बंद करके दुबक गयी। पैर से किवाड़ की किल्ली तोड़कर घर के अंदर प्रवेश कर दिये। घर के अंदर जाते ही मो. फिरोज ने मुक्का चला दिया। मुक्का मारने से मैमुन के दो दांत हिल गये। इस प्रहार से नाक में चोट लगने से नाक से खून गिरने लगा। इन लोगों ने कहा कि कौन तुम्हारे साथ ‘रेप’ किया है। बोल...........................। अश्लील गाली देने लगे। महिलाओं ने मिलकर बाल नोंच दिये। मो.आजाद ने बंडी से दे दनादन मारने लगा। नितम्ब में निशान है। और रक्त जम गया है। इसे आसानी से देखा जा सकता है।
 बदमाशों के द्वारा आंतक फैलाने के बाद माहौल शांत होने पर 13 मई को करीब 7 बजे नौबतपुर थाना गये। थाना में मामला दर्ज किया गया। आपसी समझौता कर लेने को कहा गया। इसके बाद पुरूष चौकीदार के सहारे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, बिहार के रेफरल अस्तपाल, नौबतपुर गये। निबंधन संख्या ईआर - 416 दिनांक 13/5/13 को मैमुन खातून का इलाज किया गया। सूई और दवा दी गयी। रातभर अस्पताल के फर्श पर पड़ी रहीं। सुबह 14 मई को नौबतपुर थाने गयी। यहां पर पुलिस को 700 रूपए दिया गया। 5 रूपए व्याज पर शंभू वर्मा से 1000 रू. लेकर पुलिस को दिये ।  तब जाकर उसने अपना मो. नम्बर 9525642224 दिया। जिन्नत खातून रोने लगी। 10 मई को मैमून खातून की सोने की कान की बाली और नाक की छूच्छी बदमाशों ने चील झपट्टा की तरह ले उड़े। पैर के चांदी का पायल बच गया था। नौबतपुर पोस्ट ऑफिस के सामने स्थित सुहागन ज्वेलर्स के यहां दो हजार रूपए में पायल बेचकर दवा-दारू कराये। जिन्नत खातून ने नौबतपुर थाने में कई बार मोबाइल किये कि अपराधी छुट्टे साड़ की तरह घूम रहे हैं। उनको आकर अरेस्ट कर लें। थाने से तब जवाब आता है कि जब बदमाश चढ़ाई करेंगे तो तब जाकर मोबाइल करने से आ जाएंगे।  इधर कुछ महीनों से नौबतपुर थाने क्षेत्र में अपराध का ग्राफ बढ़ा है। इस ओर थानाध्यक्ष के द्वारा आरोपियों के खिलाफ कारगर और ठोस कदम नहीं उठाने के कारण आरोपियों का मनोबल सातवें आसमान पर चढ़ गया है। इस पिटायी और इज्जत लूटने के कांड में पुलिसियां लापरवाही का नमूना सामने आया है।

आज 20 मई को नौबतपुर प्रखण्ड से जिन्नत खातून अपनी पीड़िता बेटी ,बहन एवं पोता के साथ लगभग 35 किलोमीटर की दूरी तय करके 11 बजे जन संगठन एकता परिषद, बिहार के पटना कार्यालय में आयीं। बातचीत के क्रम में जिन्नत खातून ने रोते रोते बताई कि उसकी बेटी मैमून खातून को जान पर खतरा बन गया है। अभी चैन से जीना मुश्किल हो गया है। हम लोगों की जान माल की रक्षा की जाए। खतरे में इज्जत आ गयी है इसे बचा दीजिए। इस दुखद श्रणों में उन्हें चुप कराकर हिम्मत दी गयी।उन्होंने जानकारी दी कि उनकी बेटी की शादी मसौढ़ी थाना के बिष्वम्बरपुर गांव में हुआ है। इनके चार बच्चे हैं। मजदूरी करके अपना जीवन व्यापन करते हैं 10 मई की रात में मेरी बच्ची अपने चार बच्चों के साथ घर में सो रही थीं इसी क्रम में इनके पड़ोस के असामाजिक लोग दरवाजा तोड़कर द्यर में द्युसे एवं अर्द्यनग्न कर बुरी तरह से पिटाई कर दिये। कई जगह पिटाई का निषान है। जिसको उनकी बेटी मैमून खातून ने आन्तरिक कपड़ा उठाकर दिखाई  जहां पर पिटाई से काला दाग उत्पन्न हो गया है। उन्होंने आगे जानकारी दी कि इन असामाजिक लोगों ने पटक पटक कर मारा एवं बाल भी खींच खींच कर मारा जिसे शरीर में भी असहनीय दर्द हो रहा है। कम से कम एसएसपी मनु महाराज का नौबतपुर थाना के थानाध्यक्ष के सामने कुछ चलता ही नहीं है। इसका नमूना यह है कि एसएसपी खुद काफी चुस्त हैं परन्तु थानाध्यक्ष सुस्त ही पड़े हुए हैं। इसका खामियाजा नौबतपुर थाने में रहने वाले लोग भुगत रहे हैं। खासकर नौबतपुर थाना क्षेत्र महिलाओं के लिए नरक साबित हो रहा है। यहां पर मामला दर्ज करने के बाद भी बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होता है। इसके कारण पीड़ित लोग दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। इसमें मैमून खातून भी है। जो आपबीती पर किसी तरह की कार्रवाई होने पर जन संगठन एकता परिषद,बिहार के कार्यालय में आ गयीं। वहां पर जन संगठन एकता परिषद,बिहार की संचालन समिति की सदस्य मंजू डुंगडुंग फरियाद लिखकर न्याय दिलवाने का आश्वासन दे रही  हैं।




---अलोक कुमार---
पटना 

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