असम की अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज प्रतिमा बोरो ने शुक्रवार को पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में आत्महत्या कर ली। वह राष्ट्रीय शिविर में शामिल थीं। प्रतिमा अपने हॉस्टल के कमरे में छत के पंखे पर लटकी हुई पाई गईं। इस 20 साल तीरंदाज ने आत्महत्या के लिए अपनी चादर का इस्तेमाल किया। पता चला है कि वह पिछले कुछ समय से तनाव की शिकार थीं।
उसकी साथी तीरंदाजों को तब संदेह हुआ जब वह रिकर्व स्पर्धा के लिए राष्ट्रीय शिविर के सुबह के सत्र में नहीं पहुंची और वे सब उसे ढूंढने लगे। तीरंदाजी सूत्रों के अनुसार, 'जब उसके दोस्त उसके कमरे में गए तो उन्होंने कमरा अंदर से बंद पाया। उन्होंने दरवाजा खोला और देखा कि वह छत के पंखे से लटकी हुई थीं।'
प्रतिमा के इस कदम का सही कारण अभी तक पता नहीं चल सका है। शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। ट्रेनिंग सेंटर के सूत्रों ने कहा कि जहां प्रतिमा ने आत्महत्या की, वहां कोई महिला वॉर्डन नहीं थी। खेल मंत्रालय ने भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द की हुई है, इसलिए रिकर्व स्पर्धा का शिविर आर्मी स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित किया जा रहा था।
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