आरुषि-हेमराज हत्याकांड में मंगलवार को तलवार दंपति ने सीबीआइ कोर्ट में अपने बयान दर्ज करने की रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। इस अर्जी में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक स्पेशल लीव पिटीशन पर फैसला होने तक सीबीआई कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है। जानकारी के मुताबिक, तलवार दंपत्ति ने सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दायर की थी, जिस पर शुक्रवार को फैसला आना है। इस याचिका में सीबीआई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें सीबीआई कोर्ट ने 14 लोगों को गवाह के तौर पर पेश करने की अपील को खारिज कर दिया था।
इन लोगों में घटना के समय ज्वाइंट डायरेक्टर और मौजूदा एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अरूण कुमार भी शामिल थे। अरूण कुमार की जांच टीम ने तलवार दंपति को 2008 में क्लीन चिट दी थी। उल्लेखनीय है कि आरुषि तलवार हत्याकांड मामले में सीबीआई ने कुछ दिनों पूर्व विशेष कोर्ट को हत्या के मकसद का खुलासा किया था।
हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई ने कोर्ट में हत्या के मकसद का सिलसिलेवार ढंग से बताया। सीबीआई ने माना कि आरुषि और हेमराज की हत्या सेक्स एंगल की वजह से ही की गई। जांच टीम के मुताबिक आरुषि और नौकर हेमराज को कमरे में आपत्तिजनक स्थिति में देखने के बाद राजेश तवार ने दोनों की अपनी गोल्फ स्टिक से हत्या कर दी। मालूम हो कि 14 साल की आरुषि का शव उसके घर के बेडरूम में 15 मई 2008 की रात को पाया गया। उसी के अगले दिन तलवार दंपति के घर की छत से नौकर हेमराज का शव मिला था।
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