प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को जब चीन के प्रधानमंत्री ली कचियांग के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की तब यह साफ हो गया कि बॉर्डर पर रिश्ते कितने भी खराब हों, दिल्ली में बात तो दोस्ती की होगी. मनमोहन सिंह ने सोमवार को चीन के साथ सीमा विवाद को जल्द सुलझा लेने पर जोर दिया और कहा कि एशिया के साथ-साथ विश्व में स्थिरता एवं संपन्नता के लिए दोनों देशों के बीच संबंध बेहद जरूरी हैं.
चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग की पहली अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के दौरान मनमोहन सिंह ने यहां उनके साथ दोनों देशों के बीच कई आर्थिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
मनमोहन सिंह ने कहा, 'कई मामलों पर हम एक बिंदु पर पहुंचे. हम इस बात पर सहमत हैं कि इस क्षेत्र में तथा विश्व में शांतिपूर्वक विकास के लिए, स्थिरता के लिए एवं संपन्नता के लिए दोनों देशों के बीच संबंधों का महत्व बढ़ता जा रहा है.'
मनमोहन सिंह ने हाल के वर्षों में भारत और चीन के बीच मतभेदों का उल्लेख किया और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को जल्द सुलझा लेने पर जोर दिया. उन्होंने आगे कहा कि दोनों देश इस बात पर राजी हो गए हैं कि सीमा विवाद का आपसी सहमति से एक स्वीकार्य हल निकालने के लिए चर्चा को जारी रखेंगे. दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की बैठक जल्द ही होगी.
मनमोहन सिंह ने बताया कि उन्होंने दोनों देशों के बीच बहने वाली नदियों पर अपनी चिंता व्यक्त की. मनमोहन सिंह ने कहा, 'हम दोनों देशों की सीमा के दोनों ओर बहने वाली नदियों पर सहयोग को बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं.' मनमोहन सिंह के अनुसार, 'विश्व के लिए चीन का विकास होना अच्छी बात है तथा दोनों देशों की तरक्की के लिए पर्याप्त अवसर हैं.'
मनमोहन सिंह ने भारत-चीन के बीच व्यापार घाटे पर चिंता जाहिर की और कहा, 'हमारे संबंधों में आर्थिक सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है.' मनमोहन सिंह ने भी चीनी कंपनियों को भारत के तेजी से बढ़ते अवसंरचना सेक्टर में निवेश के लिए आमंत्रित किया और कहा कि आर्थिक सहयोग के लिए काफी नए अवसर उपलब्ध हैं और इसकी आर्थिक बातचीत के जरिए पहचान की सकता है.
मनमोहन सिंह ने कहा, 'हम मुक्त बहुपक्षीय व्यापारिक प्रणाली में अपने-अपने हितों को साझा करने पर भी सहमति के बिंदु पर पहुंच गए हैं.' वहीं, चीन के प्रधानमंत्री ली कचियांग ने कहा कि दोनों देश 'रणनीतिक साझेदार तथा अच्छे मित्र' हैं और वे एक-दूसरे के साथ साफगोई के साथ बातें कर सकते हैं. उन्होंने दोनों देशों के बीच सीमा तथा नदी जल विवादों के समाधान के लिए बातचीत पर बल दिया. ली ने कहा कि दोनों देशों को सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए काम करना होगा.
सीमा विवाद को 'इतिहास द्वारा छोड़ दिया गया प्रश्न' करार देते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों का मानना है कि हमें सीमा तंत्र को बेहतर तथा अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है. नदी जल विवाद पर चर्चा करते हुए ली ने कहा कि चीन ने इससे संबंधित कई सूचनाएं हाल के वर्षो में भारत से साझा की है.
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