रिटेल में एफडीआई को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 2 मई 2013

रिटेल में एफडीआई को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी.


मल्टी ब्रांड रिटेल सेक्टर में सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हरी झंडी दिखा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार (रिटेल) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सरकारी नीति की पुष्टि  करते हुए कहा कि एक नीति के रूप में इसमें कोई संवैधानिक या वैधानिक दुर्बलता नहीं है.

न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने बहु-ब्रांड रिटेल में एफडीआई को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा, 'नीति को प्रभावित करने वाले मामले में यह कोर्ट तब तक हस्तक्षेप नहीं करती, जब तक नीति असंवैधानिक, वैधानिक प्रावधानों के विरुद्ध, मनमाना, बेतुका या शक्ति का दुरुपयोग नहीं हो.'

कोर्ट ने कहा कि बहु-ब्रांड रिटेल में एफडीआई की इजाजत देने वाली विवादित नीति में सीमा से बाहर कुछ भी किए जाने का कोई दोष नहीं है और इसे दी गई चुनौती वाजिब नहीं है. वकील एम.एल. शर्मा ने नीति को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा था कि दो प्रेस नोट जारी कर नीति स्वीकार की गई थी और रिटेल में एफडीआई को नियमित करने वाले संबद्ध प्रावधानों और नियमावलियों में संशोधन नहीं किया गया था. 

कोई टिप्पणी नहीं: