विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि जेल में क्रूर हमले के कुछ दिन बाद लाहौर अस्पताल में सरबजीत सिंह की मौत 'पाकिस्तानी जेल प्रशासन की हिरासत हमारे नागरिक की हत्या है।' विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "भारत ने पाकिस्तान से सरबजीत का शव सौंपे जाने की मांग की है ताकि उनका अंतिम संस्कार भारत में उनके परिवार के बीच किया जा सके ।"
मंत्रालय ने कहा, "26 अप्रैल को लाहौर के कोट लखपत जेल में सरबजीत पर हुए इस शर्मनाक हमले ने पाकिस्तानी जेल में भारतीय कैदियों की सुरक्षा के लिए सम्मिलित कार्रवाई किए जाने की जरूरत पर प्रकाश डाला है।" मंत्रालय ने कहा, "भारत ने पाकिस्तान से उन पर हमले के जिम्मेवार लोगों की पहचान के लिए पूरी जांच-पड़ताल किए जाने तथा उनकी सजा सुनिश्चित किए जाने की भी मांग की है।"
वक्तव्य में मंत्रालय ने कहा, "हम कोट लखपत जेल में क्रूर हमले के बाद हुई सरबजीत की मौत पर गहरा शोक प्रकट करते हैं। हम दुख की इस घड़ी में सरबजीत के परिवार के साथ खड़े हैं।" सरबजीत पर 26 अप्रैल को कोट लखपत जेल में दो कैदियों ने हमला किया था जिससे वह गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें वेंटिलेटर के सहारे रखा गया था। लाहौर एवं मुल्तान में हुए विस्फोट में दोषी ठहराए गए सरबजीत को पाकिस्तान की एक न्यायालय ने 1990 में मृत्युदंड की सजा सुनाई थी।
1 टिप्पणी:
..यह धोखा है.....भ्रम है कि मेरी मौत से पहले मैं जीवित था,सुनो...वह मैं नहीं मेरी देह थी ..चेतना-शून्य .......................देश की सरकार की .....................तरह ..!!
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