भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने गुरुवार को 'राजनीतिक उद्देश्य' के लिए सरकारी कोष का दुरुपयोग करने के लिए शिला दीक्षित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने यहां कहा, "लोकायुक्त की रिपोर्ट को शीला दीक्षित के खिलाफ प्राथमिकी का आधार बनाना चाहिए। यह आपराधिक विश्वासघात का मामला है।"
गुप्ता दिल्ली लोकायुक्त मनमोहन सरीन की रिपोर्ट का हवाला दे रहे थे। लोकायुक्त ने शीला दीक्षित पर 2008 विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक उद्देश्यों के लिए विज्ञापन पर सार्वजनिक कोष का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। गुप्ता ने दावा किया, "उनका कार्य अनैतिकता की हद है। दिल्ली की मुख्यमंत्री शातिर और चमड़ी की मोटी नेता हैं, इसीलिए वह लोकायुक्त की रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दीं।"
गुप्ता ने कहा, "यह पहली बार है जब किसी लोकायुक्त ने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।" भाजपा ने शीला दीक्षित के आवास पर शुक्रवार को प्रदर्शन करने का ऐलान किया। दिल्ली प्रदेश के भाजपा प्रमुख विजय गोयल ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "हमलोग दीक्षित के आवास पर प्रदर्शन करेंगे। हम उनसे राजनीतिक उद्देश्य के लिए विज्ञापनों पर खर्च किए गए 11 करोड़ रुपये की अदायगी की मांग कर रहे हैं।"
सरीन ने अपनी रिपोर्ट में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दीक्षित को खुद अपनी तरफ से या उनकी पार्टी कोष से विज्ञापनों पर खर्च की गई आधी राशि के रूप में 11 करोड़ रुपये की अदायगी के लिए सलाह देने की सिफारिश की है। गोयल ने कहा कि भाजपा दीक्षित के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रपति से भेंट करेगी। गोयल ने कहा, "जब आप लोकायुक्त की रिपोर्ट की अनदेखी करते हैं तो फिर उसकी जरूरत क्या है? यह एक संवैधानिक प्राधिकारी का अपमान है।"
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