प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि देश कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में देश की रणनीतिक सोच में बदलाव करने और उच्च रक्षा संगठनों के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता है। गुड़गांव के बिनोला में इंडियन नेशनल डिफेंस युनिवर्सिटी (इंदु) की आधारशिला रखने के बाद यहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत रणनीतिक दृष्टि से एशिया के बीचोंबीच है। साथ ही दुनिया के व्यस्ततम समुद्री मार्ग भी इसके पास हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि देश के रक्षा विशेषज्ञ उस जटिल वातावरण के प्रति सचेत रहें, जिसका सामना हम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा आज जितनी मजबूत है, उतनी पहले कभी नहीं थी। उन्होंने कहा, "भारत कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसे टाला नहीं जा सकता। हम एक ऐसे में क्षेत्र में रह रहे हैं, जहां हमारे पड़ोसी देशों से हमें परंपरागत, रणनीतिक एवं गैर-परंपरागत चुनौतियां मिल रही हैं। इन चुनौतियों एवं अवसरों को देखते हुए हमें अपनी रणनीतिक सोच में बदलाव करने तथा हमारे सर्वोच्च रक्षा संगठनों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार रक्षा अधिग्रहण में पारदर्शिता बरकरार रख रही है और आगे भी ईमानदारी के उच्च मानदंड बनाए रखेगी। मनमोहन सिंह ने कहा कि रक्षा विश्वविद्यालय राष्ट्रीय महत्व का अद्वितीय स्वायत्त संस्थान होगा। इसका उद्देश्य देश, सरकार तथा सशस्त्र बलों को श्रेष्ठ सैन्य परामर्श देना है।
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