बेटियाँ सत्ताधीशों की बखिए उधेड़ देंगी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 3 मई 2013

बेटियाँ सत्ताधीशों की बखिए उधेड़ देंगी


कांग्रेस के इतिहास में प्रधान मंत्री के रूप में हमें एक नामर्द मिला है. जो कभी अपनी जनता के बीच ऊष्मा से हाथ हिलाकर अभिवादन नहीं कर सकता, न मर्द सी चाल है और न हमारी जानता या सेना में जोश भर सकता है. ये हिंदुस्तान पर बदनुमा दाग है.

सरबजीत मामले में संवेदनहीनता और सतर्कता के नाम पर नाकाम रही सरकार को अब इस देश में शासन करने का अधिकार नहीं है. सालों तक कांग्रेस की विचाराधारा के साथ चलने के बाद आहत होने का दिन आ गया है.

हमारे सेनाध्यक्ष चीखचीखकर बोलते रहे हैं कि सरकार हमें साथ नहीं देती वर्ना हमारी ताकत कम नहीं हैं. हम जान लड़ा देंगे. सुशील कुमार शिंदे के पास दिमाग ही नहीं है. मीडिया को मज़ाक बना रखा है. मीडिया एक सशक्त माध्यम है जो देश की जानता तक सच्चाई पहुंचाती है. ऐसे में हर किसी नेता के फालतू बयानों को इतना बड़ा माध्यम देने से पहले मीडिया को भी संयम बरतना होगा.

कंदहार मामले में अटल विहारी बाजपाई सरकार पर निशान साधने का कोई हक्क नहीं. क्यूंकि हमने भले ही आतंकवादी दिये मगर हमारे नागरिकों की जान तो बचाई थी. सरबजीत शहीद हो गये तो अब एक ही रास्ता बचता है. पाकिस्तान को हर क्षेत्र मे मात देना. आगे से अगर थोड़ी सी भी गडबड करें तो यूएन की भी ऐसीतैसी करके हमला बोल देना चाहिए. देश का प्रधानमंत्री कायर होगा तो पडौसी देश हमें घर में घुसकर मार देंगे और गुलाम बना देंगे. अब तो सोनिया गांधी की नियत पर भी सवाल उठता है.

यही कोंगेस की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने मर्दाना जवाब दिया था पाकिस्तान को और दुनिया सेल्यूट कर रही थी उस 'मर्दाना महिला' को !  राजनीति करो मगर अपनी धरती माँ का सौदा न करो.

सरबजीत शहीद हुए हैं तो उसकी ह्त्या का बदला हमें लेना होगा. अगर प्रधानमंत्री असल में शीख है तो उसका खून खौलाना चाहिए. जिस पंजाब की धरती से हमारे देश की सेना में अनगिनत सपूतों ने देश की रक्षा के लिये जान दी हैं, आज भी अपना फ़र्ज़ निभा रहे हैं. क्या किया हमने उन सिपाहीयों और उनके परिवारों के लिये?

देश में कांग्रेस हो या अन्य किसी भी पार्टी की सरकार हों. सभी का प्राथमिक मुद्दा देश के नागरिकों की सुरक्षा, रोटी, कपड़ा और मकान के साथ देश के प्रति सम्मान और जज़्बा होना चाहिए.. बूढ़े-खडूस नेताओं में से बुद्धिभ्रष्ट और कौभांडी नेताओं को घर बिठाने का समय आ गया है. अब देश की जनता को जागना होगा. देश में हमारी बच्चीयों पर हो रहे बलात्कार की घटनाएँ आये दिन सुनने को मिलती है. इस देश की पुलिस भी ये नहीं सोचती कि उसके घरों में भी बीवी और बेटियाँ हैं. बेरहमी की गड्ड होती है. लोकशाही का दिखावा करती ये सरकार अब सरमुखात्यरशाही अखत्यार करने लगी है. जबतक सरकार या भ्रष्ट नेताओं का साथ नहीं होता तबतक देश की पुलिस अत्याचार नहीं कर सकती. बलात्कार का भोग बनाने वाली बेटी के परीवार को दो हज़ार रुपये देकर सौदा करने नहीं जाती. कहाँ से आई इतनी हिम्मत?

सरबजीत ! आपकी शहीदी के लिये पूरा देश जाग उठा है. इस सरकार को जवाब मिलेगा. हिजडों का कुशासन खत्म होगा.

सरबजीत, आपने जो कुछ सहा है और बहौत कुछ पाकिस्तान की सरकार के बारे में जानते थे वो सबकुछ आपके साथ चला गया. अगर वो आपको जिन्दा वापस भेजते तो दुनिया के सामने नग्नसत्य उभर आता. आपकी आतमा को ईश्वर शांति प्रदान करें और परिवार को दुःख सहने की ताकत दें. नारी शक्ति को कोई रोक नहीं सकता. मेरे भाई, आपकी तो दो बेटियाँ हैं. पूरा देश उनके साथ है. बेटियाँ सत्ताधीशों की बखिए उधेड़ देंगी. आपको हम नत मस्तक नमन. जय हिन्द !



– पंकज त्रिवेदी - 
संपादक नव्या

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