अभिनेता-निर्माता अनुपम खेर का कहना है कि उनका नाटक लोगों को प्रेरित करेगा और जीवन में विफलता के प्रति उनका नजरिया बदल देगा। यह नाटक खेर के जीवन में आए उतार-चढ़ाव पर आधारित है। अनुपम ने कहा, "मैं विफलता का जश्न मनाना चाहता था और लोगों को ये बताना चाहता था कि विफलता का भी जश्न मनाया जा सकता है।" अमुपम ने यह नाटक 300 बार किया है।
उन्होंने कहा, "जब मेरे पास काम नहीं था तब मैं आत्मकथाएं पढ़ा करता था और उससे मुझे बहुत संतोष और मनोबल मिलता था। मुझे लगता है कि ये नाटक लोगों को बताएगा कि कभी-कभी विफलताएं भी आकर्षक होती हैं।" अनुपम के इस नाटक में शिमला से आए एक कश्मीरी पंडित परिवार के एक लड़के की कहानी है जो काफी संघर्ष करते हुए सफलता हासिल करता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें