जब प्रधानाचार्य हाय-हाय का नारा सुनकर फफक कर रोने लगी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 27 जुलाई 2013

जब प्रधानाचार्य हाय-हाय का नारा सुनकर फफक कर रोने लगी

  • ड्रेस और साइकिल की राशि देने का आश्वासन के बाद सड़क जाम हटा
  • निश्चित समय में साइकिल के लिए 25 सौ और ड्रेस के लिए 500 रूपए वितरण हो


पटना। ड्रेस और साइकिल की राशि नहीं मिलने पर एतराज छात्राओं ने सड़क पर उतरकर बवाल काटा। कल तक कक्षा में बैठकर पढ़ने वाली दसवीं वर्ग की छात्राओं ने सुबह से दोपहर तक सड़क पर खड़ी होकर स्कूल और स्कूल की प्रधानाचार्य के खिलाफ नारा बुलंद किये। प्रधानाचार्य हाय-हाय का नारा सुनकर फफक कर रोने लगी। गांव और स्थानीय पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप से सड़क जाम हटाया जा सका। प्रधानाचार्य ने ड्रेस और साइकिल की राशि देने का आश्वासन दिया। 

इन्द्र प्रसाद सिंह गंग स्थली माध्यमिक बालिका ज्ञानपीठ,मखदुमपुर की दसवीं कक्षा की छात्राओं ने ड्रेस और साइकिल की राशि नहीं मिलने से आक्रोशित थीं। अभी ज्ञानपीठ की प्रधानाचार्य सुधा कुमारी हैं। 25 जुलाई,2013 को छात्राओं ने मुंहामुंही बोलकर 26 जुलाई को पटना-दानापुर मुख्यमार्ग को जाम करने का निर्णय ले लिया था। तयशुदा निर्णय के मुताबिक आज सुबह 9 बजे छात्राओं ने बांस से मुख्यमार्ग जाम कर दिये। दो बांसों के बीच में खड़ी होकर स्कूल और प्रधानाचार्य के खिलाफ नारा बुलंद करने लगी। 
  
मालूम हो कि वर्ष 2011-12 में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राएं उर्त्तीण कर 2012-13 में दसवीं कक्षा में आ गयी हैं। मगर स्कूल के द्वारा ड्रेस और साइकिल की राशि नहीं दी गयी। अभी दसवीं कक्षा में पांच सेक्शन है। पांचों सेक्शन की छात्राओं ने बोखलाकर सड़क पर उतरना जायज समक्ष ली । बस सड़क पर उतर गये। सड़क पर उतरने वालों को शिक्षिकों ने पिटायी कर दी और मेन डोर में लाता जकड़ दिये ताकि छात्राएं आंदोलन न कर सके। जो छात्राएं बाहर थीं। मेन रोड पर टायर जलाकर आक्रोश व्यक्त किये।  इस सड़क जाम से आवाजाही करने वालों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। 

इस संदर्भ में सामाजिक कार्यकर्ता अजय मांझी का कहना है कि पटना जिले के कई स्कूलों में ड्रेस और साइकिल की राशि नहीं दी जा रही है। इससे छात्र-छात्राओं में आक्रोशित होना स्वाभाविक है। उन्होंने डीएम साहब से आग्रह किये हैं कि ओर ध्यान देने की जरूरत है। अगर विद्यार्थियों के हक से खिलवाड़ किया गया तो निकट भविष्य में स्थिति विस्फोटक हो सकती है। इससे अच्छा है कि सभी विद्यार्थियों को निश्चित समय में साइकिल के लिए 25 सौ और ड्रेस के लिए 500 रूपए वितरण कर दिया जाए।



(आलोक कुमार)
पटना 



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