राजनेताओं का काम देश को राह दिखाना : आजम खान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 3 जुलाई 2013

राजनेताओं का काम देश को राह दिखाना : आजम खान

उत्तर प्रदेश के मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने आरोप लगाया कि मुसलमानों के ‘दुश्मन’ इस समुदाय की प्रगति नहीं चाहते हैं. समाजवादी पार्टी के नेता एवं उत्तर प्रदेश सरकार में काबीना मंत्री मो. आजम खान ने मंगलवार को कहा कि राजनेताओं का काम देश को राह दिखाना और धर्मगुरुओं का काम लोगों को इंसान बनाना है, क्योंकि जब देश ही नहीं रहेगा तो धर्म या हम कैसे बचेंगे.

उन्होंने कहा कि जो लोग मुसलमानों की देशभक्ति पर शक करते हैं उन्हें यह समझना चाहिए कि यदि हम 1947 में पाकिस्तान जाना चाहते तो हमें कोई रोकने वाला नहीं था. भारत हमारा मुल्क है, इसलिए हमनें यहीं रहने का निर्णय लिया. इस पर भी अगर कोई शक करे तो हमें किसी को सफाई देने की जरूरत नहीं है.

मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के संस्थापक मो. आजम खान उर्दू प्रेस क्लब इंटरनेशनल के तत्वावधान में अपने सम्मान में यहां आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्हें राष्ट्रीय गौरव की उपाधि से सम्मानित किया गया. अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि शिक्षा ही हमारी हर समस्या का समाधान है और जहालत तबाही एवं बरबादी का कारण. क्रान्ति किसी के षडयंत्र या चालों से कभी नहीं रुक सकती. जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना इसका साक्षात उदाहरण है. उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश विधान सभा में इस विश्वविद्यालय का बिल पास किया गया तो सबसे अधिक विरोध कांग्रेस ने किया था और विधान सभा की मंजूरी के उपरान्त भी राज्यपाल ने उस पर दस्तखत नहीं किये. इसके बाद भी उन्होंने इसे निजी विश्वविद्यालय के तौर पर इसकी स्थापना का फैसला किया.

रामपुर के नवाब पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेज शासकों की कठपुतली इस परिवार ने रामपुर को जहालत के अंधेरे में डाल दिया था, जिससे यह विश्वविद्यालय रामपुरवासियों को निकालने का प्रयास और उन्हें शिक्षा की ओर अग्रसर करने का प्रयास है.

महाकुम्भ का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि जब उन्हें इसका इंचार्ज बनाया गया तो बहुत से साधू संतों ने इसका विरोध किया, परन्तु जब महाकुम्भ पूर्णत: सम्पन्न हो गया तो उन्हीं साधू संतों ने उन्हें यह आशिर्वाद दिया कि उत्तर प्रदेश में सरकार किसी की भी हो, महाकुम्भ के इंचार्ज हमेशा आजम खान ही बनें. कार्यक्रम के विशेष अतिथि पुरी पीठ के शंकराचार्य अधोक्षाजानन्द जी महाराज ने कहा कि आजम खान से उनकी मुलाकात महाकुम्भ के दौरान हुयी, उनके कामकाज से वे काफी प्रभावित हुये हैं. आजम खान एक कर्मठ ईमानदार एवं धर्मनिरपेक्ष नेता हैं.

ऐसे लोगों की हौसलाआफजाई की जानी चाहिए. शंकराचार्य ने कहा कि सिर्फ नफरत फैलाने से राष्ट्रवाद नहीं बच पाएगा. संकीर्ण मानसिकता एवं साम्प्रदायिकता ने इस देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है, जिससे बचने की बहुत जरूरत है. इस समारोह की अध्यक्षता शाही मस्जिद फतेहपुरी के इमाम डा. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने की. इस अवसर पर सपा के सांसद चौधरी मुनव्वर सलीम एवं अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

1 टिप्पणी:

संजय जैन ने कहा…

उनका काम देश को लूटना भी तो हे