- आरोपी प्रधानाध्यापिका और राजनीतिक दलों के नेताओं ने आवाज बुलंद किये
- 16 जुलाई,2013 को मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हुई
पटना। सीजेएम कोर्ट ने प्रधानाध्यापिका को 5 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट ने पॉलीग्राफी करवाने का आदेश भी निर्गत कर दिया है। किसी भी दिन जांच करवायी जा सकती है। वहीं आज शिक्षकों ने मिड डे मील का वहिष्कार किये। जहां एनजीओ के द्वारा मिड डे मील की व्यवस्था की गयी वहीं पर बच्चों को मील मिला।
इस माह के 16 जुलाई को मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गयी। जिनके नौनिहाल छपरा में लास्ट मिड डे मील खाए हो और मौत के मुंह में समा गये। अब परिजनों के लिए सी0बी0आई0 से जांच करवाने की मांग मायने नहीं रखती है। क्या किसी से और किसी तरह की जांच करवाने के बाद धरती से उठकर चले जाने वाले ‘लाल’वापस आ जाएंगे? अब तो परिजन जांच की आंच पर सवाल भी नहीं उठा रहे हैं। मगर उनका रोकर बुरा हाल हो रहा है।
अब तो राजनीतिक दल और खुद आरोपी प्रधानाध्यापिका के लिए सी0बी0आई0 से जांच मायने लगता है। अबतक बिहार में कितने जांच आयोग बनाए गए हैं उसका क्या परिणाम निकला? वह सर्वज्ञात है। इसका भी परिणाम सामने ही है। जांच के पहले ही शिक्षा मंत्री मुंह खोलखोल कर जहर देने का परिणाम बता रहे थे। उनको विपक्षी दलों के द्वारा साजिश रचने की नजर आ रही है।
इस बीच आरोपी प्रधानाध्यापिका मीना कुमारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस पॉलीग्राफी जांच करवाने की दिशा में काम करना शुरू कर दी है। कुछ दिनों के बाद जांच की जा सकती है। दिल्ली की आरूषि मडर केस में पुलिस ने आरूषि के पिता का भी पॉलीग्राफी जांच करवायी थी। उसके परिणाम सामने है।
प्राथमिक शिक्षक संद्य के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा ने शिक्षकों को अपमानित होने से बचाने के लिए शिक्षकों को मिड डे मील का वहिष्कार करने का आह्वान किये हैं। इसके कारण बहुत सारे स्कूलों में मिड डे मील बंटा ही नहीं और बच्चे मिड डे मील से बच्चे महरूम हो गये। श्री शर्मा ने सरकार से कहा है कि स्पष्ट तौर पर घोषणा करें कि कबतक वैकल्पिक नयी व्यवस्था कर देगी। तबतक शिक्षक मिड डे मील में शिक्षक सहयोग दें सकते है। समय निर्धारित करने की जरूरत है।
आठ दिनों के बाद मौनधारण तोड़कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सारण जिले के मशरक प्रखंड के धरमासति गंडामन गांव में विकास की गंगा बहाने की घोषणा किये। इससे साफ जाहिर होता है कि जबतक बिहार में घटना नहीं होगी तबतक गांव का विकास संभव नहीं है। इस तरह का धंधा बंद होना चाहिए।
(आलोक कुमार)
पटना
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