अंतर मंत्रालयी निकाय दूरसंचार आयोग ने दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा को मौजूदा 74 प्रतिशत से बढाकर 100 प्रतिशत करने को मंगलवार को मंजूरी दी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उसने कहा कि आयोग ने एफडीआई सीमा को बढाकर 100 प्रतिशत करने की मंजूरी दी है। इसमें से 49 प्रतिशत निवेश स्वत: स्वीकृति (आटोमेटिक रुट) किया जा सकता है, लेकिन इससे अधिक स्तर के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी जरूरी होगी।
अधिकारी ने यह भी कहा कि इस फैसले पर कार्यान्वयन तो कैबिनेट मंजूरी के बाद ही होगा। अधिकारी ने कहा कि दूरसंचार विभाग इस बारे में एक विस्तृत नोट औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग को भेजेगा जो प्रस्ताव को कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजेगा।
इस क्षेत्र में फिलहाल 74 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी है जिसमें से 49 प्रतिशत स्वत: किया जा सकता है जबकि बाकी के लिए एफआईपीबी की मंजूरी की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढाने के पीछे मंशा दूरसंचार उद्योग को नया निवेश हासिल करने में मदद करना है ताकि उसे वित्तीय बोझ घटाने में मदद मिले।
जीएसएम उद्योग के संगठन सीओएआई के अनुसार दूरसंचार क्षेत्र का रिण 2011-12 के आखिर में 1,85,720 करोड़ रुपए था। आयोग ने दूरंसचार वित्त निगम की स्थापना पर भी विचार किया ताकि क्षेत्र की वित्तीय चुनौतियों से निपटा जा सके।
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