नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने अपने देश में राजशाही की संभावना को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि नेपाल की जनता 'ऐसा नहीं होने देगी।' इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (आईसीडब्ल्यूए) के कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि नौ नवंबर को नेपाल में संविधान सभा का चुनाव 'दूसरा और अंतिम' होगा। यह चुनाव देश का संविधान तैयार करने को ध्यान में रखकर कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि यह प्रयास सफल नहीं होता है तो देश में जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए।
माधव ने मुद्दों पर मतभेद दूर करने के लिए राजनीतिक दलों के बीच पर्दे के पीछे बातचीत की वकालत की, ताकि 'चुनाव से पूर्व सहमति पर पहुंचा जा सके।' उन्होंने कहा, "राजशाही के बहाल होने का सवाल असंभव है और लोग ऐसा नहीं होने देंगे। लोगों में लोकतांत्रिक जागरूकता गहरी है।" माधव और नेपाल के दूसरे पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने पूर्व नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र शाह की देश के विभिन्न भागों में यात्रा का खुलकर विरोध किया और कहा कि वे संविधान सभा के चुनाव में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं।
माधव ने कहा कि 2008 से संविधान सभा का होने जा रहा यह दूसरा चुनाव भी खंडित जनादेश वाला हो सकता है। उन्होंने कहा, "हमें एक बार फिर लेन-देन वाले माहौल में काम करना होगा या आखिर सबसे उपयुक्त विचार क्या है यह मुद्दा जनमत संग्रह के माध्यम से लोगों के सामने रखा जाना चाहिए।"
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