भारत आए नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने शुक्रवार को भारत और नेपाल में फैले बौद्ध पर्यटन स्थलों को जोड़कर 'लुंबनी सर्किट' बनाने की वकालत की। उनका मानना है कि यह सर्किट लाखों बौद्ध तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने वाला साबित हो सकता है। माधव ने कहा कि वे दो अलग-अलग सर्किट बनाने की बात कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि भारत में सारनाथ, बोधगया एवं अन्य तथा नेपाल में बुद्ध के 'ननिहाल' लुंबनी और कपिलवस्तु स्थित उनका 'पैतृक घर' एवं अन्य जगहों को इस सर्किट में शामिल किया जाए।
इंडियन काउंसिल फॉर वर्ल्ड अफेयर्स (आईसीडब्ल्यूए) की ओर से सप्रू हाउस में आयोजित एक वार्ता में माधव ने कहा, "प्रस्तावित लुंबनी सर्किट बनना चाहिए। दोनों देश इस सर्किट के जरिए बौद्ध तीर्थयात्रियों को आकर्षित कर सकेंगे। लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने के लिए इसका विकास किया जाना चाहिए।" पिछले वर्ष नवंबर में नेपाल सरकार द्वारा गठित एक समिति और हांगकांग आधारित एक एनजीओ के बीच लुंबनी को 'बौद्धों का मक्का' के रूप में विकसित करने के लिए सहमतिपत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए थे।
लुंबनी में बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए एशिया पैसेफिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन (एपीईसी) फाउंडेशन 3 से 5 अरब अमेरिकी डॉलर लगा रहा है।
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