मिस्र के आंतरिक मामलों के मंत्री मोहम्मद इब्राहिम ने शनिवार को कहा कि बहिष्कृत राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को टोरा जेल भेजा जा सकता है, जहां मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को रखा गया है। शुक्रवार को मिस्र की शीर्ष अदालत ने मुर्सी को पूछताछ के लिए 15 दिनों की हिरासत में भेजने का आदेश दिया। मुर्सी पर 2011 में मिस्र के गृह युद्ध के दौरान जेल से भागने और जासूसी के आरोप हैं। गौरतलब है कि मिस्र में 2011 में ही पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक का तख्ता पलट किया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने इब्राहिम के हवाले से कहा कि प्रमुख जांचकर्ता मुर्सी को हिरासत में रखने की जगह के बारे में फैसला लेंगे। दूसरी तरफ स्थानीय मीडिया का कहना है कि मुबारक के साथ एक ही जेल में रखे जाने के बजाए मुर्सी को ए अकरब 'स्कॉर्पियो जेल' में रखा जाएगा।
देश में जारी प्रदर्शन और विरोध के बारे में इब्राहिम ने कहा कि काहिरा के रब्बा अल-अदावेया चौक और गिजा में काहिरा विश्वविद्यालय के पास नाहदा चौक पर विरोध प्रदर्शन कर रहे मुर्सी समर्थकों को सही वक्त आने पर सशस्त्र सेना बलों की मदद से हटाया जाएगा। इस बीच देश की आधिकारिक समाचार एजेंसी एमईएनए ने स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से शनिवार को कहा कि मुर्सी समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्षो में 47 लोग मारे जा चुके हैं और 700 अन्य घायल हुए हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें