देश में गरीबी कम होने से सम्बंधित योजना आयोग के आंकड़ों को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच अब कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी इस पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने गरीबी रेखा तय करने के आयोग के मानदंड को शनिवार को 'गूढ़' करार दिया। दिग्विजय ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, "मुझे गरीबी रेखा तय करने का योजना आयोग का मानदंड कभी समझ नहीं आया। यह बहुत गूढ़ है। यह सभी क्षेत्रों के लिए समान नहीं हो सकता।"
उन्होंने कहा कि गरीबी का पहला सूचक परिवार में कुपोषण और एनीमिया है, जिसका आसानी से पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, "क्या हमारे पास यह मानदंड नहीं है?" योजना आयोग के आंकड़ों के अनुसार, गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से कमी आई है। वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वालों की संख्या 21.9 प्रतिशत रही है, जबकि वर्ष 2004-05 में यह संख्या 37.2 प्रतिशत थी।
योजना आयोग के इन आंकड़ों के बाद कांग्रेस नेता राज बब्बर और राशिद मसूद के बयानों ने भी राजनीतिक तूफान पैदा कर दिया। राज बब्बर ने मुंबई में 12 रुपये में भरपेट खाना मिलने की बात कही, तो राशिद मसूद ने दिल्ली में पांच रुपये में भरपेट भोजन मिलने की बात कह डाली।
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