अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह का मानना है कि हिंदी फिल्म जगत में अब अभिनेत्रियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि अब अभिनेत्री होने का मतलब पर्दे पर सिर्फ सुंदर चेहरे का दिखाई देना नहीं है। चित्रांगदा ने एक साक्षात्कार में बताया, "भारतीय सिनेमा ने हाल के वर्षो में काफी तरक्की की है और अभिनेत्रियों की भूमिका में भी काफी बदलाव आए हैं। अब वे पर्दे पर दिखाया जाने वाला सुंदर चेहरा मात्र नहीं हैं, अब वे भी अभिनय में काफी आगे जा रही हैं और उनमें काफी संभावनाएं है।"
चित्रांगदा ने फिल्म 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' और 'ये साली जिंदगी' जैसी समानांतर फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की थी। लेकिन पिछले वर्षो में 'देसी ब्वॉयज' और 'आई, मी और मैं' से उन्होंने व्यवसायिक फिल्मों में भी कदम रखा है। उन्होंने कहा, "मैंने अब तक कई अलग अलग तरह की भूमिकाएं की हैं और आगे भी नई-नई भूमिकाओं के साथ प्रयोग करना चाहती हूं, जिससे एक अभिनेत्री के रूप में मुझमें निखार आए।"
चित्रांगदा ने कहा कि वह फिलहाल एक फिल्म में काम कर रही हैं, जिसमें उनकी भूमिका बेहद चुनौतीपूर्ण है। हालांकि उन्होंने फिल्म के बारे में ज्यादा बताने से इनकार कर दिया।
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