नए राज्य तेलंगाना के लिए भले ही कांग्रेस ने देर से ही सही लेकिन हामी भर दी है लेकिन पार्टी के लिए मुश्किलें थमती नहीं दिख रही हैं. कांग्रेस के अंदर ही इस मामले पर विरोध शुरू हो गया है. आंध्र प्रदेश के कांग्रेस विधायकों के विरोध के बाद अब वहां के मंत्रियों ने बगावत का झंडा बुलंद कर लिया है. आंध्र और रॉयलसीमा क्षेत्र से आने वाले मंत्रियों और सांसदों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर आंध्र प्रदेश के विभाजन का विरोध किया है.
केन्द्रीय मंत्री एम एम पल्लम राजू, के एस राव, चिरंजीव और डी पुरंदेश्वरी, सांसद बापीराजू और अनंतरामी रेड्डी के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उनसे एकीकृत आंध्र प्रदेश को बनाए रखने की मांग की. खबर है कि राज्य सरकार के 15 मंत्रियों ने सोनिया गांधी को खत लिखकर धमकी दी है कि अगर तेलंगाना का गठन हुआ तो वो इस्तीफा दे देंगे.
सूत्रों के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य का गठन राज्य और देश के हित में नहीं होगा. पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की मांग के मुद्दे पर कल कांग्रेस नेतृत्व और राज्य कांग्रेस नेतृत्व के बीच उच्चस्तरीय बातचीत हुई थी. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कोर ग्रुप की भी बैठक हुई जिसमें इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई. कांग्रेस महासचिव और आंध्र प्रदेश मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह और पूर्व प्रभारी गुलाम आजाद ने आंध प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी, उप मुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिंहा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण से अलग-अलग बातचीत की.
समझा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं ने राज्य नेतृत्व को यह बता दिया है कि पार्टी ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन पर अपना मन बना लिया है और इसकी घोषणा अब केवल समय की बात रह गई है.
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