दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 50 से अधिक छात्र आधुनिक भारतीय भाषाओं और साहित्य अध्ययन में पीएच.डी. में दाखिले से वंचित रह गए, क्योंकि इस विश्वविद्यालय के परास्नातक के परिणाम देर से घोषित हुए। यह बात एक अधिकारी ने शुक्रवार को कही। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षा संघ (डूटा) के निर्वाचित कार्यकारी सदस्य, सचिन एन. ने कहा, "यह हास्यास्पद है कि इन छात्रों को बिना उनकी गलतियों के दाखिले का अवसर नहीं दिया गया। खुद डीयू ने मई में परास्नातक के परिणाम घोषित नहीं किए थे।"
पीएच.डी. कार्यक्रम के आवेदकों को प्रवेश परीक्षा के लिए बुलाया गया था। इसमें सफल रहने वालों को मौखिक परीक्षा के लिए बुलाया गया था। लेकिन दाखिले के वक्त संबंधित विभाग ने यह सूचना प्रकाशित की कि उन्हें दाखिला नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि परिणाम घोषित नहीं हुए हैं।
सचिन एन. ने कहा, "परिणाम घोषित होने तक उन्हें अस्थायी दाखिला दिया जाना चाहिए। यह काफी अनुचित है, क्योंकि छात्रों ने दाखिला प्रपत्र में ही यह बता दिया था कि उनकी परीक्षा के परिणाम घोषित नहीं हुए हैं।" उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इस कदम से छात्रों का एक वर्ष बर्बाद हो जाएगा।
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