सरकार का श्रद्धालुओं की मौत के साथ घिनौना खिलवाड़
- श्रद्धालुओं के शवों को कूड़ें की तरह जलाया गया: पंडित
देहरादून, 26 जुलाई,। उत्तराखण्ड में आई दैवीय आपदा में हजारों श्रद्धालुओं के मारे जाने से देश के कई राज्यों में मातम छाया हुआ है क्योंकि जिस राज्य के श्रद्धालु इस आपदा में मारे गये उनके परिजनों में उत्तराखण्ड सरकार के प्रति एक बड़ी नाराजगी है और वह अपनों को केदारधाम में खोजते-खोजते आंखों में आंसू लेकर लौट गये। केदारधम व रामबाड़ा में इधर-उधर बिखरे पड़ें शवों का अन्तिम संस्कार राज्य सरकार ने वहीं कराने का दावा तो किया है लेकिन इन शवों का संस्कार विधि के अनुरूप न किए जाने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। धर्मनगरी के पुरोहित सभा के अध्यक्ष ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि जिन शवों का अन्तिम संस्कार किया जा रहा है उसकी न कपाल क्रिया की जा रही है और न ही उनके शवों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जा रहा है जिससे आने वाले समय में इसके दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं। इसी बात से आहत होकर अखिलभारतीय युवा तीर्थ पुरोहित सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को भावनात्मक पत्र लिखा है। उत्तराखण्ड में आई दैवीय आपदा के बाद केदारधाम व रामबाड़ा में हजारों श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हालांकि सरकार ने मौत का आंकड़ा सिर्फ एक हजार तक बताया। केदारधाम व रामबाड़ा के मलबे में हजारों श्रद्धालुओं के मारे जाने की आशंका से सरकार भी विचलित हो गई। सरकार ने केदारधाम व रामबाड़ा में मलबों को हटाने के लिए तत्काल बड़ी-बड़ी मशीने वहां तैनात करने का दावा किया था लेकिन अभी तक इन मलबों को हटाने के लिए सरकार ने कोई पहल नहीं की। जिसको लेकर सरकार की कार्यशैली पर पूरे देश के अन्दर सवाल उठ रहे हैं। देश के कई राज्यों के श्रद्धालु इस आपदा में हमेशा के लिए मौत की नींद सो गये, जिसको लेकर उनके अपनों की आंखों में रात-दिन आंसूओं की गंगा बह रही है। केदारधाम व रामबाड़ा में इधर-उधर बिखरे पड़ें कई शवों का अन्तिम संस्कार कराने के लिए सरकार ने दावे किए लेकिन इन संस्कारों के समय मीडिया को दूर रखना कहीं न कहीं कई सवाल खड़े कर गया। केदारधाम व रामबाड़ा में श्रद्धालुओं के संस्कार का मजाक उड़ाए जाने को लेकर हरिद्वार के अखिल भारतीय युवा तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उज्वल पंडित ने प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने केदारधाम व रामबाड़ा में श्रद्धालुओं के शवों के अन्तिम संस्कार पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि केदारधाम में श्रद्धालुओं के शवों का अन्तिम संस्कार मकानों की खिड़कियों व दरवाजों की लकड़ियों से किया जा रहा है तथा शवों को अधजली अवस्था में ही छोड़ा जा रहा है इतना ही नहीं उन्होंने पत्र में लिखा है कि सनातन संस्कार प्रक्रिया के तहत मृतकों की कपाल क्रिया भी नहीं की गई और न ही इन शवों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने का आज तक कोई काम हुआ है जिसके चलते उनकी अस्थियां वहां जा रहे लोगों के पैरों में आ रही हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि सरकार इन सभी अस्थियों को हरिद्वार तक पहंुचाए जिसके बाद तीर्थ पुरोहित सभा उन अस्थियों को सनातन संस्कार विधि से गंगा में प्रवाहित करंेगे। क्योंकि ऐसा न होना इन श्रद्धालुओं की मौत के साथ घिनौना खिलवाड़ है और भविष्य में इसके दुःखद परिणाम भी सामने आ सकते हैं और वहां ऐसी घटनाओं की पुनवृर्ति भी होती रहेगी। अखिलभारतीय युवा पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सीधा आरोप लगाया कि केदारधाम में श्रद्धालुओं के शवों को कूड़ें की तरह जलाया गया है जिसके चलते आने वाले समय में इसके घातक परिणाम सामने आ सकते हैं।
राजधानी में चल रहा सैक्स रेकेट पुलिस ने पकड़ा
देहरादून, 26 जुलाई, । दून पुलिस ने एक बार फिर राजधानी के होटलो में चल रहे एक सैक्स रैकेट का खुलासा किया है। हाल ही में पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों में भी ऐसे ही सैक्स रैकेट से जुडे लोगों को गिरफ्तार किया था। इस बार गुरूवार देर रात पुनः कोतवाली पुलिस ने होटल में चल रहे इस अवैध कारोबार का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह की महिला सरगना सहित कुल छः लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें दो युवतियां भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार महिला लंबे समय से इस होटल में देह व्यापार के ध्ंाधे को संचालित कर रही थी जिसमें होटल मालिक की भूमिका भी संलिप्त पाई गयी है। पुलिस ने होटल के कमरों से आपत्ति जनक वस्तुआंे के अतिरिक्त नगदी एवं मोबाईल भी बरामद किए हैं। वहीं सूत्रांे के अनुसार महिला सरगना के मोबाईल में कुछ ऐसे सफेदपोश लोगों के नंबर भी मिले हैं जो उसके संपर्क में थे। मुखबिर की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने त्यागी रोड में चल रहे इस अवैध धंधे का भांडाफोड़ किया है। मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार रात मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने त्यागी रोड स्थित अदीति होटल में दबिश दी। यहां पहले तो होटल के कर्मचारी होटल के कमरों को खाली होने की बात करते रहे, लेकिन जब पुलिस ने छापा मारा तो कुछ कमरे अंदर से बंद मिले। पुलिस ने दरवाजे खुलवाए तो सारा माजरा सामने आ गया। होटल के कमरों से पुलिस ने तीन युवकों सहित दो युवतियों एवं गिरोह की सगरना महिला केा रंगे हाथों धर दबोचा। पूछताछ करने पर युवकों ने अपने नाम आनंद बिष्ट निवासी नई बस्ती, अमन गोयल एवं सौरभ निवासी कोटद्वार बताए जबकि गिरोह की सरगना महिला का नाम डालनवाला निवासी संगीता रावत है। बताया जा रहा है कि संगीता रावत ही इस पूरे गिरोह का संचालित कर रही थी। इसके लिए उसके ग्राहक उससे फोन पर संपर्क करते थे। ग्राहकांे को युवतियों से मिलाने के लिए त्यागी रोड के इस होटल से डीलिंग की गयी थी, जिसकी जानकारी पूरे तौर पर होटल मालिक को भी थी। पुलिस के अनुसार होटल मालिक एवं प्रबंधक के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। वहीं बताया जा रहा है कि गिरोह की सरगना संगीता के संबंध दून के कई सफेदपोश लोगों से भी हैं। इन सफेदपोश लोगों की डिमांड पर लड़कियों को इनके बताए स्थानों पर सप्लाई किया जाता था। मोबाईल में मिले नंबरों की जानकारी देने से पुलिस ने इंकार कर दिया है, हालांकि सूत्रांे का कहना है कि नंबरों की इन सूची में सरकारी अधिकारियांे के साथ ही कुछ व्यापारियों एवं छात्रांे के भी नाम हैं। मौके से पुलिस ने आरोपियों के मोबाईल फोन सहित नगदी एवं आपत्तिजनक वस्तुएं भी बरामद की हैं। मालूम हो कि कुछ समय पूर्व ही नेहरू कॉलोनी पुलिस एवं विकासनगर पुलिस ने भी ऐसे ही सैक्स रैकेट का खुलासा किया था। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को दिशा-निर्देश जारी
पौड़ी, मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी सूचना के अनुसार जनपद के षिक्षक/कर्मचारियों द्वारा अपनी सेवा से सम्बन्धित प्रकरणों के निस्तारण हेतु सक्षम अधिकारी की स्वीकृति/अनुमति के बिना सीधे उच्च स्तर से पत्राचार किये जाने के साथ ही स्वयं अथवा अपने सम्बन्धियों के माध्यम से राजनैतिक दबाव डलवाया जा रहा है, जो कि कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 के प्राविधानों के विरूद्व है। उक्त सम्बन्ध में मुख्य षिक्षा अधिकारी ने विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों को बिना उच्च अधिकारियों की अनुमति के स्वयं उच्च स्तर से सेवा प्रकरणों के निस्तारण के लिये अनावष्यक रूप से दबाव न डलवाने के निर्देश दिये हैं। एक अन्य जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने अवगत कराया है कि श्री देव सुमन की पुण्य तिथि पर शिक्षा शंकुल पौड़ी में स्थित अपर शिक्षा निदेशक कार्यालय, मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक/बेसिक के कार्मिकों द्वारा वृहद वृक्षा रोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें शोभादार/छायादार वृक्षों का रोपण कर श्री देव सुमन की पुण्य तिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
पैसे नहीं देने पर पुलिस ने ट्रक चालक को बेरहमी से पीटा
रुद्रपुर, दिनेशपुर मोड़ के समीप कुछ पुलिसकर्मियों ने एक ट्रक चालक को खींचकर उसकी बेरहमी से पिटाई लगा दी जिससे ट्रक चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसने जिला चिकित्सालय पहुंचकर अपना उपचार कराया। कोटा राजस्थान निवासी 44 वर्षीय सलीम पुत्र अब्दुल कलीम ट्रक में सामान लेकर सिडकुल स्थित एक फैक्ट्री की ओर जा रहा था। बताया जाता है कि मध्यरात्रि दिनेशपुर मोड़ पर फैक्ट्री के समीप कुछ पुलिसकर्मियों ने ट्रक को रोका और चालक सलीम से सुविधा शुल्क की मांग की। जब सलीम ने पुलिस कर्मियों को रूपए देने से मना किया तो दोनों में कहासुनी हो गयी। पुलिसकर्मियों ने उसे ट्रक से खींचकर नीचे उतार लिया और उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। घटना से वहां लोगों की भीड़ जमा हो गयी जिस पर पुलिसकर्मी वहां से खिसक लिये। सलीम ने घायलावस्था में जिला चिकित्सालय पहुंचकर अपना उपचार कराया। इध्र जब पुलिस के अधिकारियों से इस घटना के बारे में जानकारी ली गयी तो उन्होंने ऐसी किसी भी घटना के घटित होने से अनभिज्ञता जतायी। उनका कहना था कि यदि इस संदर्भ में उनके पास कोई शिकायत आती है तो निश्चित रूप से जांच करायी जायेगी।
चार सगे भाईयों को तीन वर्ष की जेल
रूद्रपुर, घर में घुसकर हमला कर हाथ तोडने वाले चार सगे भाईयों को सीजेएम आशुतोष कुमार मिश्रा ने 3 वर्ष के कठोर कारावास व दो हजार रूपए जुर्माने की सजा सुना दी। अभियोजन के अनुसार सुभाष कालोनी रूद्रपुर के प्रदीप पाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 26 जून 2006 की रात करीब 10 बजे पडोसी सतपाल, कन्हैया पाल, विष्णु पाल व हुक्मचन्द पाल पुत्रगण स्व. रामगोपाल हथियारों के साथ घर में घुस आये और उसके पिता शरणपाल व बडे भाई प्रकाश पाल पर जान लेवा हमला कर सिर फाड दिया व हाथ तोड दिया। चारों भाईयों के विरूद्व सीजेएम आशुतोश कुमार मिश्रा की कोर्ट में मुकदमा चला जिसमें अभियोजन अधिकारी के.एस.चौहान ने 8 गवाह पेशकर आरोप सिद्व कर दिया जिसके बाद आज सीजेएम मिश्रा ने चारों भाईयों को 3-3 वर्श के कठोर कारावास व दो-दो हजार रूपए जुर्माने की सजा सुना दी,जुर्माना जमा ना करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
(राजेन्द्र जोशी)
काले को सफेद करने में माहिर नौकरशाहों को एक साथ कई पद!
देहरादून, 26 जुलाई। प्रदेश सरकार जिस तरह से भ्रष्ट नौकरशाहों की टीम को पूरे प्रदेश की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से नवाज रही है और महत्वपूर्ण महकमा उनके सुपुर्द कर रही है, सरकार की इस कार्यप्रणाली से तो यही लगता है कि सरकार कुछ काला-सफेद करने की फिराक में है। ऐसे अधिकारियों के ताबड़तोड़ स्थानांतरण तो कम से कम यही प्रदर्शित करते हैं, क्योंकि इन अधिकारियों का इतिहास काला-सफेद करने का ही रहा है। आपदा के बाद से लेकर आज तक प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जिस तरह से अधिकारियों के तबादले और उन्हें प्रोन्नति के नाम पर वहां भेजा गया और अधिकारी जिस तरह से वहां कि जिम्मेदारी संभालने से बचते रहे, उससे तो यह साफ जाहिर है कि आपदा प्रबंधन के नाम पर केदारघाटी में जो कुछ हुआ वह संदेहस्पद ही रहा है। बीते 40 दिनों में प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेश सरकार आपदा राहत क्षेत्र में अफसरों को स्थायित्व देने में नाकाम रही है। इसका खामियाजा आपदा प्रभावित क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। जिन अधिकारियों को प्रदेश सरकार राहत पुर्नवास और पुर्ननिर्माण के मोर्चे पर भेज रही है, वे पीठ दिखाकर वापस लौट रहे हैं। कुल मिलाकर आपदा प्रभावित रूद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिलों में प्रदेश सरकार वरिष्ठ नौकरशाहों की तैनाती नहीं कर पाई है। हालात संभालने के लिए प्रदेश सरकार ने अब कनिष्ठ नौकरशाहों पर दांव खेलना शुरू कर दिया है, इसके पीछे यह बात उजागर है कि निष्ठावान नौकरशाह सरकार द्वारा कराए जा रहे अनैतिक कार्यों से बचने के लिए पीठ दिखा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार प्रदेश ब्यूरोक्रेसी में भ्रष्टाचार के पर्याय बन चुके अधिकारियों को ऐसी जगह तैनाती पर दांव खेल रही है, जो उसके काले को सफेद कर सके, क्योंकि आपदा के चार दिन खामोश रहने के बाद प्रदेश सरकार ने जिस तरह आपदा प्रबंधन का नाटक किया, वह किसी से छिपा नहीं है। आपदा राहत कार्यों के नाम पर निजी कंपनियों के हैलीकाप्टरों के संचालन पर भी सरकार पर अंगुली उठ रही है, इस मामले में डीजीसीए के मात्र एक पत्र से प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग में खलबली मची है। ठीक इसी तरह आपदा राहत सामग्री के वितरण में भी प्रदेश सरकार की निष्ठा कठघरे में खड़ी है। यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर भी प्रदेश सरकार ने जिस तरह से आंकड़ों का खेल खेला वह भी संदेह के घेरे में है। इतना ही नहीं महाप्रलय के बाद प्रदेश सरकार द्वारा मीडिया मैनेजमेंट के नाम पर जिस तरह से करोड़ों रूपयों की बंदरबांट की गई, वह भी प्रदेश की जनता को काफी अखरी है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भ्रष्टतम सूची में शामिल नौकरशाहों हो, जिस तरह एक साथ कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से नवाजा गया है, उससे नौकरशाहों के एक ईमानदार और निष्ठावान तबके ने खुशबुसाहट करनी शुरू कर दी है। हालिया उदाहरण प्रदेश की राजधानी में तैनात मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का है, उन्हें प्रदेश सरकार ने इसके साथ ही जिलाधिकारी देहरादून और महानिदेशक सूचना की भी जिम्मेदारी दी है, इस अधिकारी पर आरोप है कि हरिद्वार में तैनाती के दौरान इस अधिकारी ने 24 करोड़ रूपये के कार्य महज चार घण्टे के भीतर अपने किसी चहेते को दे दिए थे, जिस पर तत्कालीन मंत्री और इनके बीच 36 का आंकड़ा रहा। वहीं चर्चाओं के अनुसार कहने को तो प्रदेश के मुख्य सचिव सुभाष कुमार हैं, लेकिन पर्दे के पीछे से कोई और ही मुख्य सचिव की जिम्मेदारी निभाते हुए सरकार चला रहा है, जिसका प्रदेश सरकार ने अभी कुछ दिन पहले डीपीसी कर मुख्य सचिव के समान पद पर प्रोन्नति के रास्ते खोले हैं, जबकि प्रदेश में चर्चा है कि यह अधिकारी कितना भ्रष्ट है। वहीं ब्यूरोक्रेसी में इस बात की भी चर्चा है कि जब आयुक्त गढ़वाल की जिम्मेदारी पूर्व से चली आ रही है, तो ऐसे में उसी क्षेत्र में एक और आईएएस की तैनात आयुक्त के रूप में किस वजह से की गई। इतना ही नहीं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चार-चार आईएएस अधिकारियों की तैनाती भी संदेह के घेरे में है, क्योंकि प्रदेश सरकार ने जितने आईएएस अधिकारियों की तैनात प्रभावित क्षेत्रों में कि उनमें से अधिकांश प्रभावित क्षेत्रों को छोड़ भाग खडे हुए हैं, जो इस बात की पुष्टि करता है कि इन पर सरकार का काले को सफेद करने का अंदरूनी दबाव भी था, जिस कारण उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। कुल मिलाकर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में इस बात की खासी चर्चा है कि प्रदेश सरकार ईमानदार और जानकार नौकरशाहों की जगह भ्रष्ट और काले को सफेद करने में माहिर अधिकारियों की तैनाती कर आपदा राशि पर नजर गढ़ाये हुए है।
हम सब को मिलकर नये उत्तराखंड का निर्माण करना हैरू शाहनवाज
देहरादून, 26 जुलाई,। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं शाहनवाज ने राजधानी दून में भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि भाजपा उत्तराखंड के पुर्ननिर्माण में अपना पूर्ण सहयोग देगी। उन्होंने प्रधनमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह प्रदेश के पुर्ननिर्माण में सभी का सहयोग लें। शुक्रवार को यहां भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज ने कहा कि प्रदेश में आयी आपदा के बाद कापफी लोग प्रभावित हुए हैं आपदा के बाद प्रदेश सरकार से बचाव और राहत कार्याे में चूक रही है अन्यथा कुछ और लोगों की जानें बचायी जा सकती थी उन्होंने कहा कि केंद्र से जो राज्य सरकार को मदद मिली है वह मदद भी प्रभावित परिवारोे तक नहीं पहुंच रही है जिसके कारण उनका दर्द और बढ़ता जा रहा है। देश के लिए भाजपा नेता शाहनवाज ने कहा कि उत्तराखंड में आयी त्रसदी एक चुनौती है और हम सब को मिलकर नये उत्तराखंड का निर्माण करना है। इसके लिए प्रधानमंत्राी को एक कमेटी बनानी चाहिए जिसमें सभी राजनीति दलों को उसमें शामिल करना चाहिए। उन्होेंने कहा कि जो बड़े घराने है उनको भी राज्य के निर्माण में सहायता करनी चाहिए। भाजपा के वरिष्ठ नेत्री उमा भारती ने कहा है कि उत्तराख्ंाड फिर से नम्बर वन राज्य बन सकता है यहां पर्यटन और तीर्थ स्थलों को और विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि धारीदेवी मंदिर को शिफ्ट किया जा सकता था इसके लिए तीस करोड़ का खर्च राज्य सरकार को उठाना पड़ता है 16 जून को मंदिर मे रखी मूर्तियों को पुजारी द्वारा ऊपर रख दिया गया जिससे यहां के लोगों की धारणा है कि धारीदेवी मंदिर से मूर्ति हटाने के बाद ही प्रदेश में आपदा आई है। उमा भारती ने कहा है कि केदारनाथ मंदिर में जल्द पूजा शुरु होनी चाहिए। सरकार को पहले यहां पड़े मलवे को साफ कर देना चाहिए उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश सरकार को हर तरह का सहयोग देने को तैयार है इसके लिए प्रदेश सरकार को एक कमेटी का गठन करना चाहिए जिसमें नेता प्रतिपक्ष को शामिल किया जाये ताकि बचाव और राहत कार्य और तेजी से चल सके। इस मौके पर प्रदेश के पूर्व मंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि आपदा के बाद अभी भी कई स्थानों पे लोग टैन्टों में रह रहे है सरकार को उनका पुर्नवास करना चाहिए। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत समेत अनेक नेता मौजूद थे।
काग्रेस महासचिव अबिंका सोनी आएंगी देहरादून
देहरादून, 26 जुलाई, । उत्तराखण्ड काग्रेस के प्रवक्ता धीरेन्द्र प्रताप ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रीमती अंबिका सोनी प्रदेष काग्रेस कमेटी की बैठक लेगीं, जिसकी अध्यक्षता प्रदेष काग्रेस अध्यक्ष यषपाल आर्य करेगें। उन्होने बताया श्रीमती सोनी के अलावा राज्य काग्रेस के सहप्रभारी व अखिल भारतीय काग्रेस कमेटी के सचिव संजय कपूर भी इस बैठक में उपस्थित रहेगें। धीरेन्द्र प्रताप ने बताया इस बैठक में राज्य में आई आपदा के राहत, बचाव, सहायता, पुर्नवास एवं पुर्नर्निमाण कायों की वे समीक्षा करेंगी। इस अवसर पर वे मुख्यमन्त्री विजय बहुगुणा व उनके मंत्रिमण्डलीय सहयोगियों से भी भेट करेेगी तथा काग्रेस सगंठन व सरकार को भविष्य की कार्ययोजनाओं के लिए निर्देश भी देंगी। उन्होंने ने बताया श्रीमती सोनी का यह आपदा के दौरा राज्य का तीसरा दौरा होगा। उन्होने सकेंत दिए श्रीमती सोनी के इस दौरे के बाद अगस्त मास के पहले दुसरे सप्ताह में काग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेगें। इस बीच धीरेन्द्र प्रताप ने अस्कोट वनक्षेत्र के 100 से अधिक गावों को बाहर बसाए जाने के मुख्यमन्त्री विजय बहुगुणा के फैसले को क्रातिकारी कदम बताया है व कहा है इससे धारचूला, डीडीहाट व मुन्सियारी में फैले इन गावोंवासियो के जीवन में नई रोषनी आएगी।
आपदा राहत संग्रह केन्द्र का औचक निरीक्षण किया
देहरादून, 26 जुलाई, । महाराणा प्रताप स्पोर्ट कालेज रायपुर देहरादून में बनाये गये आपदा राहत संग्रह केन्द्र का औचक निरीक्षण करते हुए आपदा ग्रस्त क्षेत्रों को भेजी जाने वाली राहत सामग्री के सम्बन्ध में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं अपर जिलाधिकारी प्रशासन से जिलाधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम ने जानकारी ली। उन्होने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये है कि आपदा ग्रस्त जनपदों एवं क्षेत्रों से जो डिमाण्ड एवं मांग आती है उसके अनुसार राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाय बिना मांग के अनावश्यक सामग्री कोे न भेजा जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि जो मांग आपदा ग्रस्त क्षेत्रों से आ रही है यदि वह सामग्री आपकेे पास नही है तो इसके लिए दान दाताओं एवं उधोग बन्धुओं को एक पत्र प्रेषित किया जाय कि अब तक आप द्वारा आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लिए जो राहत सामग्री उपलब्ध कराई है उसके लिए उत्तराखण्ड शासन एवं जिला प्रशासन आपका आभार व्यक्त करता है तथा वर्तमान समय में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों से सोलर लाईट एवं टेन्ट की मांग आ रही है अभी तक 24900 सोलर लालटेन आपदा ग्रसत प्रभावित क्षेत्रों में भेजी जा चुकी है। सोलर लालटेन की 7-8 हजार की और मांग आयी है। इसमें आप सभी के सहयोग की जरूरत है। इसके लिए आप आपदा ग्रसत क्षेत्रों हेतु टेन्ट एवं सोलर लाईट उपलब्ध कराने में अपना सहयोग प्रदान करें। उन्होने कहा कि आपदा की घडी में लोग दान खुले मन सेदे रहे है परन्तु उन्हे यह मालूम नही है कि उक्त आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में किस चीज की आवश्यकता है। दानदाताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्हे आपदा ग्रस्त क्षेत्रों से आ रही मांग को भी बताया जाय। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि राहत संग्रह केन्द्र में बिस्कुट एवं पानी तथा पुराने कपडे व दवाईयंा भारी मात्रा में उपलब्ध है। इसके लिए उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये है कि यदि आपदा ग्रस्त जनपदों से उक्त सामग्री की मांग नही आ रही है तो जो बिस्कुट राहत संग्रह केन्द्र में है उसे आंगनवाडी केन्द्रों एवं प्राईमरी स्कूलों को उपलब्ध कराया जाय तथा पानी को कुष्ठ आश्रम एवं जनपद के चिकित्सायलयों को उपलब्ध कराया जाय। तथा जो दवाईयां राहत संग्रह केन्द्र में उपलब्ध है उसे महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से वार्ता कर उन्हे उपलब्ध कराया जाय तथा उन्ही के माध्यम से आपदा ग्रस्त जनपदों एवं अन्य जनपदों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उपकेन्द्रों को उपलब्ध कराया जाय। पुराने कपडों के बारे में उन्होने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को निर्देश दिये है कि जनपद में संचालित किये जा रहे एन.जी.ओ. से सम्पर्क कर पुराने कपडों से दरी एवं चटाई बनाने के लिए उनका सहयोग लिया जाय ताकि इन कपडों से बनाई गई दरी एवं चटाई का उपयोग प्रभावित क्षेत्रों में किया जा सके। जिलाधिकारी की उपस्थिति में राहत केन्द्र स्पोर्ट कालेज में कर्मचारी भविष्य निधि देहरादून द्वारा 100 टेन्ट एवं 350 कम्बल राहत केन्द्र में दिये गये जिन्हे आपदा ग्रस्त क्षेत्रों को भेजंे जानें केे लिए जमा करवा लिया गया है। निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सुश्री झरना कमठान, अपर जिलाधिकारी प्रशासन प्रताप शाह, जिला सूचना अधिकारी अजय मोहन सकलानी एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।
कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि अर्पित की
देहरादून, 26 जुलाई,। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा शुक्रवार को गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर गये तथा कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि कारगिल की विजय भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य का प्रतीक है। भारतीय सैनिकों ने जिस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा उससे पूरी दुनिया ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वाेच्च बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में वीरता व बलिदान की लम्बी परम्परा रही है। कारगिल में भी यहां के सपूतों ने अपने प्राणों की आहूति दी। राज्य सरकार सैनिकों व पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। उत्तराखण्ड में दैवीय आपदा में भी भारतीय सेना व वायु सेना का सराहनीय योगदान रहा। सेनिकों ने अपने लोागें को बचाने में प्राणों की बाजी तक लगा दी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, विधायक राजकुमार, जिलाधिकारी आर. मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।
ऑपरेशन राहत पर आधारित प्रतीक चिन्ह भेंट किया
देहरादून, 26 जुलाई, । मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को एयर कमाडोर राजेश इस्सर ने शुक्रवार को सचिवालय में ऑपरेशन राहत पर आधारित प्रतीक चिन्ह भेंट किया। साथ ही भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर के इतिहास पर आधारित अपनी पुस्तक ‘द पर्पल लीगेसी’ भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने आपदा राहत अभियान में भारतीय वायुसेना की भूमिका की सराहना की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री राहत कोष में धनराशि दी
देहरादून, 26 जुलाई, । एसजेवीएन लि. द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में 27 लाख 17 हजार 507 रुपये धनराशि दी गई है। उक्त राशि का चेक अपर सचिव ऊर्जा एमसी उप्रेती ने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को सचिवालय में भेंट कर चेक दिया। इस अवसर पर प्रवीण गुप्ता, मुकुल तिरकी, आशीष उपस्थित थे। इसके अलावा राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीसी काण्डपाल ने भी मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 89 हजार 448 रुपये धनराशि का चेक भेंट किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी मौजूद थे।
कार्यालय प्रारम्भ
देहरादून, 26 जुलाई, । प्रमुख वन संरक्षक डा. आरबीएस रावत ने बताया है कि दिनांक 16 व 17 जून, 2013 व उसके बाद समय-समय पर आयी दैवीय आपदा को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री के विशेष व्यक्तिगत प्रयास से पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र दिनांक 19 जुलाई, 2013 द्वारा वन भूमि के प्रत्यावर्तन के प्रकरणों पर तीव्र गति से कार्यवाही किये जाने हेतु वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में केेन्द्रीय कार्यालय, लखनऊ का शिविर कार्यालय प्रारम्भ करवा दिया गया है। इससे निसंदेह उत्तराखण्ड को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र दिनांक 24 जुलाई, 2013 द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत 1 हेक्टेयर के स्थान पर 5 हेक्टेयर, 1 वर्ष के लिए, वन भूमि के प्रत्यावर्तन की अनुमति, बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों के लिये, प्रदान कर दी गई है। अब 5 हेक्टेयर तक के वन भूमि के प्रत्यावर्तन प्रकरणों पर कार्यवाही केन्द्रीय शिविर कार्यालय, देहरादून द्वारा नोडल अधिकारी, वन संरक्षण के माध्यम से भेजे जाने पर की जायेगी तथा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में संचार, सड़क, पुल, रोपवे, हैलीपैड हेतु वन भूमि प्रत्यावर्तन की अनुमति, कतिपय शर्ताे के अधीन किये जाने हेतु प्रदान कर दी गइ्र है। इस प्रकार प्रत्येक प्रकरण पर कार्यवाही केन्द्रीय शिविर कार्यालय, देहरादून द्वारा नोडल अधिकारी, वन संरक्षण के माध्यम से भेजे जाने पर की जायेगी। भारत सरकार के इस सभी निर्णयों से राज्य सरकार को लाभ मिलेगा तथा विकास कार्याे में गति आयेगीं
राज्य आंदोलनकारी करेंगे सहयोग
देहरादून, 26 जुलाई, । राज्य सरकार द्वारा राज्य निर्माण में अहम न निर्णायक भूमिका निभाने वाले चिन्हीत राज्य आंदोलनकारी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एंव राज्य सरकार के द्वारा जनहित में कराये जा रहे कार्याे, प्राकृतिक आपदाओं एंव राज्य में लगने वाले मेलों, कुंभ अर्धकुंभ, बडे स्नान एंव कांवड़ मे पूरा सहयोग करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर सीमा पर जवानों की तरह अपनी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एंव राज्य सरकार द्वारा दी गयी जिम्मेदारियों का निर्वाह करेंगे। चिन्हीत राज्य आंदोलनकारी समिति उत्तराखंड के केंद्रीय अध्यक्ष जे.पी. पान्डे ने प्रेस को जारी अपने बयानों में कहा कि चिन्हीत राज्य आंदोलनकारी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एंव राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जिम्मेदारियों के निर्वाह के लिए समिति ने एक कमेटी का गठन किया है। जिसमें बीमार से सम्बन्ध्ति कमेठी का संयोजक डा. अमर सिंह अहितान, महिला समबन्ध्ति समस्याओं के निर्णायक भूमिका हेतु तथा उनका निराकरण करने हेतु लज्जावति नौटियाल एंव बालियन्टर नियुक्त करने समबन्धित कमेठी का संयोजक महेश गौड को नियुक्त किया गया है।
राज्यपाल ने अरूण नेहरू के निःधन पर गहरा दुःख एवं संवेदना व्यक्त्त की
देहरादून, 26 जुलाई, । उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री और तीन बार सांसद रहे अरूण नेहरू के निःधन पर गहरा दुःख एवं संवेदना व्यक्त्त की है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति तथा उनके परिजनों को इस दुःख की घडी में धैर्य प्रदान करने के लिए ईश्वर से कामना की है।
(मनोज इष्टवाल)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें