वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि निवेश पर मंत्रिमंडल की समिति ने 1.6 लाख करोड़ रुपये के निवेश की 157 परियोजनाओं को मंजूरी दी। उनका कहना था कि बड़े उद्योगों की ऋण की मांग कमजोर है।
सरकार को भरोसा है कि 2013-14 में चालू खाते के घाटे (कैड) के लिए धन की व्यवस्था मुद्रा-भंडार से धन निकाले बगैर कर ली जाएगी। वित्त मंत्री का कहना था कि सरकार एफडीआई नीति को उदार बनाने पर सक्रियता से विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी भारतीयों से दीर्घकालिक कोष आकर्षित करने के लिए पहल करेगी और कैड के लिए धन की सुरक्षित व्यवस्था के लिए सरकारी निवेश कोषों और पेंशन कोषों आदि से बातचीत की जा रही है।उनका कहना था कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 5.5 से छह प्रतिशत के दायरे में रहेगी। चिदंबरम ने कहा कि सरकारी बांड इश्यू का विकल्प उनके सामने है लेकिन सरकार जल्दबाजी में फैसला नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के नीतिगत फैसलों पर कैग सवाल नहीं उठा सकता है।
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