आसन के पास आकर कार्यवाही में बाधा डालने के लिए राज्यसभा के बुलेटिन में नाम डाले जाने से खिन्न भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने आज इस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए सदन से वॉकआउट किया।
सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की, भाजपा के वेंकैया नायडू ने यह मामला उठाते हुए कहा कि यह पहला मौका है, जब आसन के निकट आने वाले सदस्यों का नाम राज्यसभा के बुलेटिन में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई नियम नहीं है और यदि ऐसा है तो यह सबके लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने तो सदन में विधेयक की प्रति तक फाड दी है और कभी उनका नाम बुलेटिन में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह सरेआम भेदभाव है।
राज्सभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि सदन में अलग-अलग पार्टी के सदस्य अपना मुद्दा उठाते हैं और अपने तरीके से विरोध जताते हैं। सत्तारूढ़ दल के सदस्य भी विरोध जताते हैं। ऐसे भी मौके आये हैं, जब सत्तारूढ़ दल के सदस्य आसन के पास आये हैं। लेकिन बुलेटिन में केवल भाजपा और तेलुगु देशम के सदस्यों का नाम लिया जाना उचित नहीं है। यह सही नहीं है।
अंसारी ने कहा कि उनके चैम्बर में इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। भाजपा के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि सभापति सचिवालय को अभी बुलेटिन से इन सदस्यों का नाम हटाने का आदेश दें। अंसारी ने सदस्यों से कहा कि वह इस पर चैम्बर में बातचीत कर सकते हैं।
इस पर जेटली ने कहा कि यदि सभापति इस मामले का निपटारा नहीं करते हैं, तो उनकी पार्टी सदन से वॉकआउट करती है। इसके बाद भाजपा के सदस्य सदन से उठकर चले गये। अंसारी ने इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू करनी चाही।
अन्ना द्रमुक के वी मेत्रेयन ने भी इस मुद्दे पर कडा विरोध जताते हुए कहा कि कांग्रेस के सदस्यों का नाम कभी बुलेटिन में कयों नहीं लिया गया। उनकी बात न सुने जाने पर उन्होंने भी कहा कि अन्ना द्रमुक भी सदन से वॉकआउट करती है। अन्ना द्रमुक के साथ साथ इसी मुद्दे पर शिवसेना के सदस्यों ने भी सदन से वॉकआउट किया।
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