अलग तेलंगाना राज्य को केन्द्र सरकार से मंजरी मिलने के बाद अब अलग राज्यों की मांग तेज हो गई है। सबसे ज्यादा मांग अलग गोरखालैंड के लिए उठ रही है। अलग गोरखालैंड के लिए आंदोलन तेज हो गया है। प्रदर्शन और आंदोलन शुरु हो गया है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश के किसी भी विभाजन से साफ इंकार किया है। साथ ही उन्होंने प्रदेश में अलग गोरखालैंड राज्य के आंदोलन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।
दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। जिसके बाद ममता बनर्जी ने कहा कि दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का एक अभिन्न अंग है। पश्चिम बंगाल के विभाजन का सवाल ही नहीं उठता है। हम एक थे, एक हैं और एक ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि अलग तेलंगाना राज्य की मांग अनुचित नहीं है। साथ ही उन्होंने पांच साल पुराने मुद्दे पर अभी फैसला लिए जाने पर यूपीए सरकार की आलोचना की और कहा कि चुनाव को नजदीक देखकर कांग्रेस और केंद्र ने देश को आग में जलने को छोड़ दिया है।
तेलंगाना राज्य के गठन को हरी झंडी मिलने से सालों से चले आ रहे अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन उग्र हो गया है। दार्जिलिंग पहाड़ियों में सरगर्मी बढ़ गई है। अपनी मांग के समर्थन में गोरखा जन मुक्ति मोर्चा ने 72 घंटों के बंद का आह्वान किया था। बंद के दौरान सामान्य जनजीवन बाधित रहा। दुकानें और बाजार बंद ही रहे। स्कूल, कॉलेज, बैंक, सरकारी और निजी कार्यालय भी नहीं खुले। सुरक्षा बल के जवान इलाके में मुस्तैदी से गश्त करते नजर आए। वहीं शिव सेना ने गोरखालैंड के विरोध में एक अगस्त से सिलीगुड़ी में दो दिवसीय बंद बुलाया है।
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