भारतीय मार्केट पर विदेशियों का भरोसा लगातार कम हो रहा है। गुरुवार को तब एक और झटका लगा जब गोल्डमैन सैक्स ने भारतीय बाजार की रेटिंग घटाकर अंडरवेट कर दी। बिदेशी ब्रोकरेज हाउस के इस कदम से रुपए को थामने और इन्वेस्टमेंट बढ़ाने की कवायद को धक्का पहुंचा है। इसने भारत की ग्रोथ रिकवरी को लेकर कई सवाल उठाए हैं। गोल्डमैन के मुताबिक, 'हम इंडियन मार्केट पर इस हालात में बहुत भरोसा नहीं कर सकते हैं। इन्वेस्टर्स सेलेक्टिव क्षेत्रों में ही दांव लगाएं। भारत में निवेश कम फायदेमंद है। आगे चलकर कंपनियों के नतीजे और खराब आएंगे और कंपनियों की रीरेटिंग की उम्मीद नहीं है।'
गोल्डमैन ने कहा कि फिलहाल रुपया और गिरेगा। ऐसे में इसे संभालने के लिए आरबीआई सख्त कदम उठाएगा। इन सबका असर ग्रोथ पर पडे़गा। गोल्डमैन सैक्स ने निवेशकों को सेलेक्टिव शेयर खरीदने की नसीहत दी है। इन्वेस्टर्स को एक्सपोर्ट बेस्ड शेयरों में इन्वेस्ट करना चाहिए और रेट सेंसेटिव शेयरों से दूर रहना चाहिए।
गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक निफ्टी के लिए 12 महीनों का टारगेट 6200 है और इसमें गंभीर सुस्ती रहेगी। फाइनैंशल इयर 2013 में कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ 5 पर्सेंट रहेगी और फाइनैंशल इयर 2014 में 11 पर्सेंट रहने का अनुमान है।
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