उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को सही ठहराते हुए गुरुवार को कहा कि निलंबन वापस नहीं होगा। अखिलेश ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नोएडा में उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहीं नागपाल का निलंबन इसलिए किया गया, क्योंकि उन्होंने निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिरवाई, जिसके बाद वहां दंगा भड़कने का डर पैदा हो गया था। कुछ तत्व वहां पर दंगा भड़काने की साजिश कर रहे थे। खनन माफियाओं के इशारे पर नागपाल के निलंबन के आरोपों को सिरे नकारते हुए अखिलेश ने कहा कि आईएएस अधिकारी की अदूरदर्शी कार्रवाई के कारण उनका निलंबन किया गया।
नागपाल की बहाली से इंकार करते हुए अखिलेश ने कहा कि अधिकारी जहां पर भी इस तरह गलतियां करेंगे, उनके खिलाफ राज्य सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार कहीं भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी। इससे पहले बुधवार को सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने संवाददाता सम्मेलन में नागपाल के निलंबन को सही ठहराया था।
गौरतलब है कि नोएडा में उप जिलाधिकारी के पद के पद पर तैनात रहीं आईएएस अधिकारी नागपाल को निलंबित करने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है। सरकार ने जहां इसकी वजह निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार को बिना सोचे-समझे गिराना बताया है, वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि आईएएस अधिकारी का निलंबन खनन माफियाओं के दबाव में किया गया, क्योंकि वह नोएडा में खनन माफियाओं के खिलाफ लगातार अभियान चला रही थीं।
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