समान शिक्षा लागू करने व शैक्षणिक बदहाली के खिलाफ चरणबद्ध संधर्ष चलाने का आह्वान एआईएसएफ का दो दिवसीय जिला सम्मेलन बाढ़ में शुरू, हजारों छात्र-छात्राएं जुलूस में हुए शामिल, ‘मैं बिहार हँू ’ नाटक देख रोमांचित हुए छात्र-छात्राएँ
बाढ़,(पटना) 17 अगस्त। आज शहीद प्रफुल्लचंद चाकी नगर (डाकबंगला), बाढ़ में आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन(एआईएसएफ) का दो दिवसीय 22 वाँ जिला सम्मेलन शुरू हो गया। सम्मेलन की शुरूआत के क्रम में बाढ़ रेलवे स्टेशन से निकला छात्रों का विशाल जुलूस दुर्गा मंदिर, भुनेश्वरी चैक होते हुए, कचहरी चैक, प्रखंड कार्यालय होते हुए, अनुमंडल कार्यालय होते हुए डाकबंगला पहुँचा। राष्ट्रपति हो या चपरासी की संतान सबको शिक्षा एक समान, शिक्षा पर जो खर्चा हो बजट का दसवाँ हिस्सा हो, समान स्कूल प्रणाली लागू करो, शिक्षा का निजीकरण-बाजारीकरण नहीं चलेगा, रिक्त स्थानों पर शिक्षक-कर्मचारियों को बहाल करो, छात्र संघों को अधिकार देना होगा, पटना वि.वि. को केन्द्रीय वि.वि. का दर्जा दो, मगध वि.वि. के पटना प्रक्षेत्र के काॅलेजों को मिलाकर पाटलिपुत्र वि.वि. बनाना होगा आदि नारे हजारों की संख्या में शामिल छात्र-छात्राओं ने लगाए।
डाकबंगला मैदान में आयोजित सम्मेलन के दौरान पटना ‘इप्टा’ के साथियों द्वारा जनवादी गीतों की प्रस्तुती भी हुई। इस दौरान ‘इप्टा’ के साथियों द्वारा ‘ मैं बिहार हँू ’ नाटक देख छात्र-छात्राएँ रोमांचित हो उठे। पटना इप्टा के द्वारा जनवादी गीत ‘‘तु जिंदा है तो जिंदगी की जीत पर यकिन कर’’, ‘‘ये वक्त की आवाज हैं मिल के चलो’’ एवं नुक्कड़ नाटक ‘‘ मैं बिहार हँु’’ एवं ‘‘समरथ को नाही दोष गोशाई’’ प्रस्तुत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन पटना इप्टा के संयुक्त सचिव पीयुष सिंह ने किया। बतौर मुख्य अतिथि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद सिंह ने कहा कि जब वे छात्र थे तो एक ही विषय के कई शिक्षक हुआ करते थे। लेकिन आज राज्य के अंदर शिक्षक-कर्मचारियों की बहाली नहीं होना चिन्ता का विषय है। जिस रफ्तार से परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है अगर शिक्षकों की बहाली नहीं हुई तो फिर स्थिति खतरनाक हो सकती है। उन्होंने एआईएसएफ को छात्रों का जीवंत संगठन बताया। विशिष्ट अतिथि के तौर पर सभा को संबोधित करते हुए शिक्षाविद् व पटना वि.वि. के वरीय शिक्षक प्रो. विनय कंठ ने कहा कि व्यवस्था एक साजिश के तहत पूरी शिक्षा को बर्बाद करने पर तुली है। शिक्षक छात्र का अनुपात स्कूल से लेकर काॅलेज तक भयावह स्थिति में हैं। साथ ही समान कार्य के लिए समान वेतन भी नहीं मिल पाता है। समान स्कूल प्रणाली को लागू होने पर ही शिक्षा की स्थिति बेहतर हो सकती है। उन्होंने ए.आई.एस.एफ. की भूमिका निर्णायक बताते हुए शिक्षा के मौजूदा हालात के खिलाफ संधर्ष का आह्वान किया। मजदूर नेता शिवशंकर शर्मा ने मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ चमचमाते स्कूल में तमाम तरह की सुविधाओं के साथ छात्र अध्ययनरत है तो दूसरी तरफ अभावों से जूझता असली भारत के बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। भावी भारत ऐसे असमान हालात में कैसा बन पाएगा। इससे पूर्व सम्मेलन का उद्धाटन करते हुए संगठन के राष्ट्रीय सचिव विश्वजीत कुमार ने कहा कि संगठन के संधर्षों के कारण ही राज्य के दो महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों में छात्र संघ का चुनाव हुए। आन्दोलन की अगली कड़ी में समान स्कूल प्रणाली लागू करने को लेकर चरणबद्ध संधर्ष चलाने का आह्वान किया। इस मौके पर मजदूर नेता का. भोला शर्मा, अमित कुमार, अर्जुन कुमार, विनय कुमार मौजूद थे। सभा की अध्यक्षता संगठन के जिला सचिव पीयूष रंजन झा एवं पटना वि.वि. अध्यक्ष मिन्नू कुमारी ने संयुक्त रूप से किया
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