बैगा आदिवासियों की योजना में गबन का मामला, महात्मा गांधी आदिवासी विकास मंडल के
- अशोक मसराम के विरूध्द एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश
- तत्कालीन सहायक परियोजना अधिकारी शिवनकर के विरूध्द भी होगी कार्यवाही
एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर के तत्कालीन सहायक परियोजना अधिकारी श्री एस.एस. शिवनकर एवं स्वयं सेवी संस्था महात्मा गांधी आदिवासी विकास मंडल बैहर के श्री अशोक मसराम द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के विकास एवं रोजगार के लिए उपलब्ध कराई गई राशि में गड़बड़ी करने के कारण बैहर के एस.डी.एम. श्री आशिष सिंह ने श्री अशोक मसराम के विरूध्द बैहर थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिये है तथा तत्कालीन सहायक परियोजना अधिकारी श्री शिवनकर के विरूध्द सख्त कार्यवाही का प्रस्ताव कलेक्टर बालाघाट को प्रेषित किया है। वर्ष 2011-12 में जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के विकास एवं रोजगार के लिए आदिवासी बैगा परियोजना बैहर को संविधान की धारा 275-ए के तहत 3 करोड़ 85 लाख 36 हजार रु. का आबंटन प्राप्त हुआ था। इस राशि को व्यय करने का दायित्व तत्कालीन सहायक परियोजना अधिकारी श्री एस.एस. शिवनकर को दिया गया था। उनके द्वारा बैहर की स्वयं सेवी संस्था महात्मा गांधी को ऐजेंसी बनाकर 856 बैगा हितग्राहियों को लाभांवित करने का काम सौंपा गया था।
इस कार्य में गड़बड़ी किये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर बैहर के एस.डी.एम. श्री आशिष सिंह द्वारा बिरसा के तहसीलदार से जांच कराई गई। बिरसा तहसीलदार द्वारा की गई जांच में पाया गया है कि 51 बैगा परिवारों को 5 लाख 40 हजार 200 रु. की कम सामग्री या राशि का भगुतान किया गया है। एस.डी.एम. श्री सिंह ने एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर के सहायक परियोजना अधिकारी श्री दयालसिंह टेकाम को निर्देशित किया है कि वे सभी 856 बैगा परिवारों की जांच करें और रिपोर्ट प्रस्तुत करें। 51 बैगा परिवारों से धोखाधड़ी करने के आरोप में महात्मा गांधी आदिवासी विकास मंडल बैहर के श्री अशोक मसराम के विरूध्द बैहर थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश एस.डी.एम. श्री आशिष सिंह द्वारा दिये गये है। तत्कालीन सहायक परियोजना अधिकारी श्री एस.एस. शिवनकर के सेवानिवृत्त हो जाने के कारण कलेक्टर बालाघाट को उनके विरूध्द सख्त कार्यवाही का प्रस्ताव भेजा गया है। इस मामले में श्री शिवनकर की पेंशन भी रोकी जा सकती है।
शौचालय की राशि का दुरूपयोग करने का मामला, हट्टा के सरपंच को पद से हटाया गया, सरपंच सचिव से होगी 5.40 लाख रु. की वसूली
- सरपंच 6 साल के लिए पंचायत निर्वाचन के अयोग्य घोषित
ग्राम पंचायत को बी.पी.एल. परिवारों के यहां पर पक्के शौचालय निर्माण के लिए दी गई राशि का दुरूपयोग करने के कारण बैहर के एस.डी.एम. श्री आशिष ने बैहर जनपद की ग्राम पंचायत हट्टा के सरपंच पवन सिंह मरावी को पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्यवाही कर सरपंच पद से हटा दिया है तथा उसे 6 वर्ष के लिए पंचायत निर्वाचन के अयोग्य घोषित कर दिया है। हट्टा के सरपंच एवं सचिव से गबन की गई 5 लाख 40 हजार रु. की राशि वसूल करने के आदेश भी दिये गये है। मुख्यमंत्री समाधान आनलाईन में ग्राम पंचायत हट्टा द्वारा शौचालय निर्माण में गड़बड़ी किये जाने की शिकायत की गई थी। बैहर के एस.डी.एम. श्री आशिष सिंह द्वारा इस शिकायत की जांच कराई गई तो पाया गया कि सरपंच पवन सिंह मरावी द्वारा शौचालय निर्माण की 5 लाख 40 हजार रु. की राशि का पूर्ण रूप से दुरूपयोग किया गया है और इस राशि से एक भी शौचालय नहीं बनाया गया है। ग्राम पंचायत के सचिव कृष्ण कुमार उईके द्वारा भी शौचालय की राशि के गबन में सरपंच को मदद की गई है।
एस.डी.एम. श्री सिंह ने शौचालय की राशि का गबन करने के कारण सरपंच पवन सिंह मरावी को तत्काल सरपंच पद से पृथक कर उसके पंचायत चुनाव लड़ने पर 6 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सरपंच से 2 लाख 70 हजार 20 रु. की राशि वसूल करने के आदेश दिये है। गबन के इस मामले में सहभागी बने सचिव कृष्ण कुमार उईके से भी 2 लाख 71 हजार रु. की राशि वसूल करने के आदेश दिये गये है। ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा एक शासकीय कर्मचारी होने के बाद भी 5 लाख 40 हजार रु. की राशि के आहरण एवं गबन में सरपंच की मदद करने के कारण एस.डी.एम. श्री सिंह ने जनपद पंचायत बैहर के पंचायत समन्वय अधिकारी को सचिव के विरूध्द थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करने के आदेश दिये है।
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