भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की कार्यकारिणी की शुक्रवार को प्रस्तावित बैठक फिलहाल स्थगित कर दी गई है। बोर्ड के सदस्य इस बात को लेकर आम राय नहीं बना सके कि एन. श्रीनिवासन को बैठक की अध्यक्षता करनी चाहिए या नहीं। सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि बीसीसीआई संविधान के मुताबिक कार्यकारिणी की बैठक एक सप्ताह में दो बार नहीं हो सकती। बीते रविवार को ही कोलकाता में कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। उस बैठक में बीसीसीआई की दो सदस्यीय जांच समिति ने आईपीएल में सट्टेबाजी मामली की रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रायल्स टीम के सहमालिक राज कुंद्रा को सट्टेबाजी के आरोपों से बरी कर दिया गया था।
बाद में बम्बई उच्च न्यायालय ने इस समिति को अवैध करार दिया था लेकिन श्रीनिवासन इसके बावजूद बोर्ड अध्यक्ष के तौर पर वापसी को आमादा थे। श्रीनिवासन ने अपने दामाद की गिफ्तारी के बाद सक्रिय कामकाज से हाथ खींच लिया था। इसके बाद बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। डालमिया ने आईसीसी की बैठक में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व किया था।
शुक्रवार की बैठक में श्रीनिवासन अध्यक्ष के तौर पर वापसी चाहते थे लेकिन बोर्ड के कई सदस्य इसके खिलाफ दिखे। श्रीनिवासन ने अरुण जेटली और राजीव शुक्ला के साथ लम्बी बातचीत की। इन तीनों की मुलाकात आईपीएल गवर्निग काउंसिल की बैठक से पहले हुई। इसी बैठक के बाद बीसीसीआई कार्यकारिणी की बैठक होनी थी। सूत्रों का कहना है कि आईपीएल गवर्निग काउंसिल का सदस्य नहीं होने के बावजूद श्रीनिवासन जबरदस्ती आईपीएल की बैठक में पहुंच गए।
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