वरिष्ठ तंत्रिका-विज्ञानी विजयालक्ष्मी रविंद्रनाथ कहती हैं, शारीरिक परिश्रम दिमाग पर व्यापक प्रभाव डालता है। यह दिमाग संबंधी गतिविधियों में सुधार भी ला सकता है। शुक्रवार शाम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 'ह्यूमन ब्रेन-कॉमप्लेक्सिटी बिहाइंड द सिंपिलिसिटी' पर व्याख्यान देते हुए विजयालक्ष्मी ने कहा, दिमाग के लिए अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य बेहद महत्वपूर्ण है। विजयालक्ष्मी ने कहा, "शारीरिक स्वास्थ्य दिमाग पर गहरा प्रभाव छोड़ता है। शारीरिक गतिविधियां अधिक स्नायु पैदा करती हैं और संज्ञानात्मक कार्य में सुधार करती हैं।"
मानव मस्तिष्क इंद्रियों का अनुवादक, गतिविधियों का नियंत्रक या यूं कह लीजिए कि मानव सभ्यता का प्रसारक है। वह कहती हैं, मस्तिष्क हमारे सामाजिक व्यवहार, मनोभाव, क्रोध व संपूर्ण स्वास्थ्य में भूमिका अदा करता है। "मस्तिष्क को समझने के लिए बहुत दिलचस्पी लेने की जरूरत है। साल की शुरुआत में द यूरोपियन यूनियन ने करोड़ों रुपये से ह्यूमन ब्रेन प्रोजेक्ट, पर एक अध्ययन शुरू किया। इसी से मिलते-जुलते प्रोजेक्ट पर यूएस 100 करोड़ डॉलर निवेश कर रहा है।"
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