वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को बताया कि फार्म लोन वेवर स्कीम में 230 करोड़ रुपए की गड़बड़ी पाई गई है और इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, '3,36,515 अकाउंट्स में 230 करोड़ रुपए की गड़बड़ियां पाई गई हैं। कार्रवाई की जा रही है.... किसी को बख्शा नहीं जाएगा। गलतियों के लिए किसी को बचाया नहीं जा रहा है लेकिन गलतियां बहुत छोटी हैं।'
चिदंबरम ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि 2008 की कर्ज माफी और कर्ज राहत योजना के तहत 3.73 करोड़ किसानों को 52,259.86 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है। उनका कहना था कि इतनी बड़ी स्कीम को लागू करने में जाहिर तौर पर कुछ गलतियां होंगी। कैग ने फार्म डेट वेवर स्कीम लागू करने में हुई कुछ गलतियों की ओर ध्यान दिलाया था। उसके बाद नाबार्ड और आरबीआई ने लेंडर्स को गड़बड़ी वाले मामलों की जांच करने के निर्देश दिए थे।
चिदंबरम ने बताया कि नाबार्ड और आरबीआई ने बहुत से अकाउंट्स की जांच की है। काम अभी चल रहा है। उनका कहना था कि आरबीआई को 1.85 करोड़ बेनिफिशयरी अकाउंट्स की जांच करनी थी और इनमें से 1.76 करोड़ को वेरिफाई किया जा चुका है। आरबीआई ने 56,322 मामलों में 98.97 करोड़ रुपए की गलतियां पाई हैं।
नाबार्ड को 1.88 करोड़ अकाउंट्स वेरिफाई करने थे और उसने 1.72 करोड़ अकाउंट्स की जांच का काम पूरा कर लिया है। इनमें से 2,80,194 अकाउंट्स में 131.70 करोड़ रुपए की गड़बड़ियां पाई गई हैं। स्कीम के तहत अप्रैल 1997 से मार्च 2007 के बीच बांटे गए बैंकों के वे एग्रीकल्चरल लोन कर्ज माफी और कर्ज में राहत के लायक पाए गए, जो 31 दिसंबर 2007 को बकाया थे और 29 फरवरी 2008 तक चुकाया नहीं गए थे।
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