दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सहपाठी के हमले में घायल हुई छात्रा रोशनी (22) की हालत घटना के एक दिन बाद गुरुवार को भी नाजुक बनी हुई है। रोशनी पर कुल्हाड़ी से हमला करने के बाद जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेजेस में कोरियन भाषा के छात्र आकाश ने जहरीला पदार्थ पीकर और गला काट कर खुदकुशी कर ली थी। रोशनी सफदरजंग अस्पताल के सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती है और उसका उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उसकी खोपड़ी पर चार जगह गहरी चोट आई है। मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली नसें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। एक चिकित्सक ने बताया कि उसके मस्तिष्क में रक्त जम गया है और उसकी दाईं कलाई बुरी तरह टूट गई है। पीड़िता के भाई सुधीर गुप्ता ने गुरुवार को बताया कि उसकी बहन के हमलावर छात्र के साथ कोई संबंध नहीं थे।
सुधीर ने बताया, "मेरी बहन के उस लड़के के साथ कभी भी कोई संबंध नहीं थे। लेकिन वह मेरी बहन के साथ संबंध जोड़ने के लिए बुरी तरह पीछे पड़ा हुआ था।" सुधीर ने आगे बताया, "उसने (आकाश) मेरी बहन से कई बार प्रेम निवेदन किया था, लेकिन मेरी बहन ने हर बार उसके निवेदन को ठुकरा दिया था। शायद इसी वजह से उसने हमला किया और खुदकुशी कर ली।" सुधीर ने बताया, "मेरी बहन मेधावी छात्रा थी। पिछले वर्ष वह अपनी कक्षा में प्रथम आई थी।" सुधीर ने चिकित्सकों के हवाले से बताया, "रोशनी के हाथ और आंखों में हलचल है, लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।"
पीड़िता मुजफ्फरपुर के व्यापारी की सबसे छोटी बेटी थी और बिहार में ही 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए जेएनयू आई थी। पुलिस ने बताया कि रोशनी पर हमला करने वाले छात्र का परिवार बिहार से दिल्ली पहुंच गया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आकाश द्वारा लिखा गया चार पन्ने का हिंदी और अंग्रेजी मेंलिखा सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है।
अधिकारी ने कहा, "हमने आकाश की जेब से चार पन्ने का सुसाइड नोट बरामद किया है जिसमें उसने दोनों (रोशनी और आकाश) के बीच हुए वाकये से उनके मित्रों के अवगत रहने का जिक्र किया है। इसलिए हम उनके दोस्तों से पूछेंगे कि किस वजह से आकाश ने यह क्रूर हमला किया।" इस घटना से जेएनयू के छात्र और शिक्षक हैरान हैं।
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