भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने गुरुवार को विश्वकप के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में स्पेन को 4-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली। क्वार्टरफाइनल मुकाबले में गुरुवार को स्पेन ने भारत पर शुरुआती बढ़त बना ली, जब स्पेन की सांटल जाइन ने मैच के सातवें मिनट में पेनाल्टी को गोल में तब्दील कर दिया। इसके बाद भारतीय लड़कियों ने तीन मिनट बाद ही वापसी करते हुए मोनिका के गोल की बदौलत स्कोर को बराबर कर दिया।
स्पेन की कप्तान बोनास्त्रे बेर्टा ने 30वें मिनट में गोल कर फिर से भारत पर बढ़त बना ली, लेकिन इस बार फिर से भारतीय लड़कियों ने मध्यांतर से ठीक पहले 34वें मिनट में नवनीत कौर के गोल की मदद से स्कोर बराबरी पर ला दिया। मध्यांतर के बाद का खेल हालांकि भारत के नाम रहा, और 48वें मिनट तक वंदना कटारिया और रानी की गोलों की मदद से 4-2 की बढ़त हासिल कर ली।
भारतीय महिला टीम ने पहली बार विश्वकप के सेमीफाइनल में प्रवेश किया है। इससे पहले 2001 और 2008 में भारतीय लड़कियां नौवें स्थान पर रही थीं। भारतीय टीम के मुख्य कोच नील हॉगुड ने कहा, "विश्वकप के लीग चरण में हमारी टीम शीर्ष टीमों के हाथों बुरी तरह हारी, और इन बड़ी हारों के बीच ही हमें यह जीत मिली है। लड़कियों को यहां मिले इन अनुभवों से मदद मिलेगी। शुरुआत में खिलाड़ी थोड़ी घबराई हुई थीं, लेकिन उन्होंने अपनी वास्तविक प्रतिभा का प्रदर्शन करना शुरू किया है। इस मैच में भारतीय लड़कियों ने पूरे 70 मिनट अपना प्रदर्शन किया।"
भारतीय टीम की कप्तान सुशीला चानू पुखरामबाम ने कहा कि टीम ने अपनी खेल भावना का परिचय दिया है। सुशीला ने कहा, "आज के खेल में गोल करना और खेल भावना प्रदर्शित करना महत्वपूर्ण रहा। हमने तेज खेलने और इस मैच को जीतने का निर्णय किया था। हम बेहद रोमांचित हैं, क्योंकि इससे पहले हम कभी भी सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच सके थे। हम फाइनल में पहुंचना पसंद करेंगे।"
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