भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा था कि प्रदेश में ईमानदार अफसरों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पर पलटवार करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा है कि मायावती का यह बयान ठीक उसी तरह है, जैसे शैतान प्रबचन करे। सपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि शैतान के मुंह से धार्मिक प्रवचन अच्छे नहीं लगते हैं।
चौधरी ने कहा कि मायावती सरकार के पांच सालों में उत्तर प्रदेश की देश-दुनिया में जैसी बदनामी हुई है, उससे सभी वाकिफ हैं। लूट, वसूली और झूठ के सहारे चली मायावती सरकार अधिनायकशाही और आपातकाल की त्रासदी दोनों का संगम थी। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में कुछ अच्छा होता हुआ नहीं दिख रहा है तो यह उनकी ²ष्टि का दोष है।
चौधरी ने कहा कि मायावती की याद्दाश्त दुरूस्त करते हुए यह बताना आवश्यक है कि उनके जन्म दिन पर चंदावसूली के लिए औरैया में जल निगम के एक इंजीनियर मनोज गुप्ता को तड़पा तड़पाकर मारने का काम बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के विधायक ने किया था। उनके समय एक आईएएस अधिकारी हरमिंदर राज ने प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी।
चौधरी ने कहा कि ईमानदारी का पाठ पढ़ाते वक्त मायावती यह भूल गई कि उनके राज में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य योजना में करोड़ों रुपये का घपला हुआ, जिसमें दो मुख्य चिकित्साधिकारियों (सीएमओ) की हत्या हुई और एक डिप्टी सीएमओ की जेल में हत्या हुई थी, जबकि जेल विभाग खुद उनके पास था। मायावती आईएएस प्रमिला शंकर का प्रकरण भी कैसे भूल सकती हैं, जिन्हें मनमाफिक रिपोर्ट न देने पर निलम्बित कर दिया गया था।
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