बिहार के ग्रोथ मॉडल पर बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों के बीच बहस चल रही है। बिहार बनाम गुजरात के ग्रोथ मॉडल की चर्चा हो रही है। लेकिन खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि उन्होंने किसी मॉडल को नहीं अपनाया है और ना कोई नया मॉडल बनाया है। नीतीश कुमार का मानना है कि उन्होंने जो भी सफलता हासिल की है, उसके पीछे सिर्फ एक सोच है- न्याय के साथ विकास।
नीतीश कुमार का मानना है कि जिस समावेशित विकास यानी इक्लूसिव ग्रोथ की बात हो रही है, उसके लिए अभी बहुत कुछ किया जाना है। खास तौर पर बिहार और उस जैसे पिछड़े राज्यों को खास बढ़ावा देना चाहिए। बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की इसलिए ज्यादा जरूरत है।
नीतीश कुमार के मुताबिक बिहार को जो भी मिला कानून के तहत मिला है। बिहार में उद्योगों के निकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी है। कृषि के साथ साथ इंडस्ट्री को बढ़ावा देना अहम काम होगा। बिहार के पास विरासत मौजूद है और बोधगया, नालंदा, वैशाली बिहार के पास है। बस इस विरासत को संभालने और सही उपयोग करने की जरूरत है।
नीतीश कुमार का मानना है कि सरकार को पिछड़े राज्यों पर खास ध्यान देने की जरूरत है। तरक्की में सबकी भागीदारी के लिए अभी भी काफी कुछ करने की जरूरत है।
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