तेल मंत्रालय ने ईरान से तेल का आयात कर 22 अरब डॉलर की बचत की योजना बनाई है। इससे चालू खाता घाटा कम करने में मदद मिलेगी। यह बात पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने कही है। मोइली ने कहा, "तेल (आयात), चालू खाता घाटा के लिए जिम्मेदार कारणों में से एक है। प्रधानमंत्री ने हमें आयात खर्च में 25 अरब डॉलर बचाने के लिए कहा है। आज तक की स्थिति के मुताबिक हमने आयात खर्च में 22 अरब डॉलर बचाने की योजना बनाई है।" उन्होंने कहा कि यह बचत देश के जीडीपी का करीब एक फीसदी होगा।
मोइली ने मंगलवार को अर्जुन पुरस्कार विजेता खिलाड़ी स्वर्गीय मक्खन सिंह की विधवा को पांच लाख रुपये का चेक भेंट करने के लिए आयोजित एक समारोह में संवाददाताओं से यह बात कही। मंत्रालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने आईएएनएस से कहा कि प्रतिबंधित ईरान के साथ फिर से आयात शुरू किया जाएगा, जिसे भारत रुपये में भुगतान करता है। इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी और चालू खाता घाटा कम होगा।
अधिकारी ने कहा कि ईरान से एक करोड़ टन तेल आयात करने से विदेशी मुद्रा खर्च में 10 अरब डॉलर की बचत होगी। पिछले कारोबारी साल में ईरान से 1.31 करोड़ टन तेल आयात हुआ था, जबकि 2011-12 में 1.811 करोड़ टन तेल का ईरान से आयात हुआ था। मौजूदा कारोबारी साल के पहले चार महीने में ईरान से तेल आयात नहीं हुआ। इसी महीने यह आयात फिर शुरू हुआ है। इराक के साथ भी स्थानीय मुद्राओं में लेन-देन पर बात चल रही है। इससे इराक से होने वाले तेल आयात पर भी मुद्रा की अस्थिरता का असर नहीं होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें